बिलों पर X का निशान देख DGGI ने पकड़ी 52 करोड़ की टैक्स चोरी, पेन ड्राइव से खुला राज

Seeing the mark of X on the bills, DGGI caught tax evasion of Rs 52 crore, the secret was revealed from the pen drive
Seeing the mark of X on the bills, DGGI caught tax evasion of Rs 52 crore, the secret was revealed from the pen drive
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कानपुर: दो दिन पहले 52 करोड़ रुपये की सीजीएसटी चोरी में जेल भेजे गए कामधेनु ब्रैंड सरिया के डायरेक्टर नवीन जैन की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को कानपुर में सुनवाई संभावित है। हालांकि टैक्स चोरी का खेल खुलने के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। डीजीजीआई अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि कुछ खुफिया इनपुट के आधार पर लखनऊ की एक फर्म में पड़ताल की गई तो वहां एक पेन-ड्राइव मिली। पेन ड्राइव की जांच में बिना लिखापढ़ी किए गए उत्पादन के सबूत मिले। इनमें जिन वाउचर्स पर X का निशान था, उतने माल पर टैक्स चोरी की गई थी। अकाउंट बुक्स में इनका कोई जिक्र नहीं था।

फतेहपुर के मलवा में श्रीराधे राधे इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में कामधेनु और कामधेनु नेक्स्ट ब्रैंड से लोहे की सरिया का उत्पादन होता है। कंपनी के डायरेक्टर कानपुर के नवीन जैन हैं। 2018 में डीजीजीआई की कानपुर यूनिट ने जांच के बाद नवीन और उनसे जुड़े लोगों को टैक्स चोरी में नोटिस दिया था। इसमें भी गुप्त रूप से सरिया उत्पादन और आपूर्ति के सबूत मिले थे। 2022 में नोटिस के जरिए 3.48 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।

डिस्ट्रिब्यूटर से खुले राज
विशेष लोक अभियोजक अंबरीष टंडन ने बताया कि ताजा मामले में डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की लखनऊ जोनल यूनिट पिछले कुछ महीनों से नवीन जैन और उसके व्यापारिक सहयोगियों पर नजर रख रही थी। पुरानी जांचों और कुछ नए सबूतों के आधार पर जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने जानकीपुरम, लखनऊ के रिपन कंसल के ठिकानों पर तलाशी शुरू की। कामधेनु ब्रैंड सरिया के डिस्ट्रिब्यूटर रिपन बंसल के यहां एक पेन-ड्राइव मिली। इसकी जांच में पता चला कि लिखापढ़ी के अलावा बिना लिखापढ़ी बनाई गई सरिया की भी आपूर्ति की जा रही है।

फरवरी में चार बार हुई पूछताछ में रिपन ने कबूला कि पेन-ड्राइव में श्रीराधे राधे इस्पात प्राइवेट लिमिटेड में मई 2018 से नवंबर 2022 तक हुए उत्पादन से संबंधित सबूत है। साथ ही जिन वाउचर में का X निशान है, उन पर टैक्स नहीं चुकाया गया है। यानी बुक्स में इनकी कोई एंट्री नहीं है। चूंकि रिपन बंसल कंपनी का कमिशन एजेंट है, इसलिए उसने पूरे लेनदेन का ब्यौरा रखा।

एक टन पर 25 रुपये कमिशन
बिल और वाउचर की गहनता से जांच में गुप्त रूप से 344 करोड़ रुपये की सरिया की आपूर्ति के प्रमाण मिले। बीती 24 जून को जब डीजीजीआई अधिकारियों ने नवीन जैन से पूछताछ की तो उन्होंने कबूला कि रिपन कंसल उनकी कंपनी के मुख्य डिस्ट्रिब्यूटर हैं। नए डीलर बनाकर रिपन उनके लिए बिजनेस ला रहा था। रिपन को एक टन सरिया पर 25 रुपये का कमिशन दिया जा रहा था।

अभियोजन आज लगाएगा जवाब
बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेजे गए नवीन जैन के वकीलों ने गुरुवार को कानपुर की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की। अभियोजन ने जवाब देने के लिए शुक्रवार तक समय मांगा है। सरकारी वकील अंबरीष टंडन ने बताया कि जमानत अर्जी पर जवाब शुक्रवार को दाखिल किया जाएगा। नवीन ने दूसरी बार अपराध किया। इसमें बार सीजीएसटी की राशि 5 करोड़ रुपये से ऊपर थी, इसलिए उन्हें कोर्ट ने जेल भेज दिया।