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मौसम बदलने पर गले की समस्याएं होना आम हैं. पर, इन दिनों गले में खराश, सूखी खांसी और गला दर्द की समस्या लंबे समय तक परेशान कर रही हैं. अंधाधुंध एंटीबायोटिक दवाएं और खुद से उपचार करते रहने की आदतें नुकसान बढ़ा सकती है. आयुर्वेद में गल की समस्याएं कफ व पित्त के प्रभाव से अधिक होती हैं. इस वजह से गले में जलन होती है. पानी निगलने में भी तकलीफ होती है. अंदर से गला पूरा लाल हो जाता है. गला अधिक खराब होने पर जल्दी-जल्दी उपचार बदलना या सब कुछ एक साथ करने से बचें.
गले की खराश या सूखी खांसी को ठीक करने आयुर्वेदिक उपाय
गरारे
नमक के पानी से गरारे करना गले की खराश और सूखी खांसी को ठीक करने में मदद कर सकता है. एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और गरारे करें.
शहद
शहद एक नेचुरल कफ सिरप है, जो गले की खराश और सूखी खांसी को शांत करने में मदद कर सकता है. एक चम्मच शहद को गर्म पानी या चाय में मिलाकर पीएं.
मुलेठी
मुलेठी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो गले की खराश और सूखी खांसी को ठीक करने में मदद कर सकती है. मुलेठी की चाय पिएं या मुलेठी के चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें.
अदरक
अदरक एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो गले की खराश और सूखी खांसी को कम करने में मदद कर सकता है. अदरक की चाय पिएं या अदरक के रस को गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें.
तुलसी
तुलसी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो गले की खराश और सूखी खांसी को ठीक करने में मदद कर सकती है. तुलसी की चाय पिएं या तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें.
इन उपायों के अलावा, आप अपने गले को हाइड्रेटेड रखने के लिए बहुत सारा पानी पी सकते हैं. आप धूम्रपान और प्रदूषण से भी बच सकते हैं, क्योंकि ये गले की खराश और सूखी खांसी को बढ़ा सकते हैं.