मध्य प्रदेश की स्कूल का अड़ियल रवैया ! प्रशासन ने की कुर्की कार्रवाई, जानें पूरा मामला

Stubborn attitude of Madhya Pradesh school! Administration took attachment action, know the whole matter
Stubborn attitude of Madhya Pradesh school! Administration took attachment action, know the whole matter
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के सेंट एन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर कुर्की की कार्रवाई की गई है. राजस्व विभाग की टीम ने लगभग 02 लाख रुपये मूल्य के संस्था के 15 कंप्यूटर जब्त किए हैं. सीहोर के सेन्ट एन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल (St. Ann’s Senior Secondary School) द्वारा फीस वृद्धि और एक ही दुकान से छात्र-छात्राओं को पुस्तकें खरीदने की शिकायतें प्राप्त हुई थी. शिकायत सही पाये जाने पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सेन्ट एन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. साथ ही जुर्माने की राशि सात दिवस के भीतर जमा करने के निर्देश दिए थे.

सालभर से अड़ियल रवैया अपना रहा है प्रबंधन
सेंट एन्स सीनियर सेकंडरी स्कूल की 14 जुलाई 2023 को फीस वृद्धि और छात्र-छात्राओं द्वारा एक ही दुकान से पुस्तकें खरीदने की शिकायत प्राप्त हुई थी. इस संबंध में संबंधित स्कूल के प्राचार्य/संचालक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था. सूचना पत्र का जवाब समाधान कारक नहीं पाए जाने पर 18 दिसंबर 2023 को कलेक्टर प्रवीण सिंह ने चार सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच करने के निर्देश दिए थे. जांच दल द्वारा संस्था प्रबंधन को शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा गया.

जिनमें संस्था प्रबंधन छात्र – छात्राओं से जो फीस वृद्धि की गई है उन्हें पालकों को वापस करने, छात्र – छात्राओं की पुस्तकें जो एक ही दुकान से विक्रय हो रही है, उसे न्यूनतम तीन दुकानों पर विक्रय कराने, छात्र – छात्राओं की धार्मिक आस्थाओं पर ठेस न पहुंचाने और बच्चों पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव नहीं बनाने के निर्देश दिए गए थे.

बढ़ाई गई फीस को अधिनियम की धारा 10 अनुसार 30 दिवस के भीतर परिजनों को लौटाने के के निर्देश दिए थे. लेकिन संस्था प्रबंधन ने अब तक फीस वापस नहीं की. निर्देशों की अवहेलना करने पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने स्कूल शिक्षा मंत्रालय, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 2 दिसम्बर 2020 के नियम 9 (9) (7) तथा ( 8 ) के तहत संस्था के संचालक/प्राचार्य पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. लेकिन स्कूल प्रबंधन अपना अड़ियल रवैया अपनाए रहा. इसके बाद कलेक्टर ने सख्ती दिखाई और तहसीलदार नीलम परसेंडिया के नेतृत्व में राजस्व विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और नगर पालिका की टीम को भेज सामानों को जब्त करवाया.