![The caller's name will also be visible along with the number, free caller ID display service will start soon The caller's name will also be visible along with the number, free caller ID display service will start soon](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/06/Screenshot_1821-678x381.jpg)
नई दिल्ली. अब फोन पर अनजान नंबर से कॉल आने पर कॉलर का नाम भी दिखाई देगा. टेलिकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में कॉलर आईडी प्रेजेंटेशन का ट्रायल किया जो सफल रहा. अब पूरे देश में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNP) नामक यह सुविधा पूरे देश में 15 जुलाई से शुरू हो जाएगी. सिम खरीदते समय KYC फॉर्म पर भरी गई जानकारी के आधार पर कॉलर का नाम डिस्प्ले होगा. स्पैम और फ्रॉड कॉल रोकने तथा साइबर क्राइम को अंकुश लगाने के लिए सरकार और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के दबाव के बाद टेलिकॉम कंपनियां यह सेवा शुरू करने को राजी हुई हैं.
सीएनपी सेवा ट्रूकॉलर की तरह की ही सर्विस होगी. टेलिकॉम कंपनियों ने सीएनपी कैसे काम कर रहा है, यह जानने के लिए पहले सीमित संख्या में इसकी टेस्टिंग की है. टेस्टिंग के रिजल्ट डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन के साथ शेयर किए गए, ताकि प्रस्तावित सर्विस के बारे में एक व्यावहारिक निर्णय लिया जा सके. मुंबई और हरियाणा में ट्रायल सफल होने के बाद अब ट्राई ने कंपनियों को 15 जुलाई से यह सर्विस पूरे देश में शुरू करने के आदेश दिए हैं.
फार्म में भरा नाम ही दिखेगा
सिम लेते वक्त भरे जाने वाले फार्म में सिम लेने वाले का जो नाम दर्ज होगा, वही नाम कॉल करने पर दिखाई देगा. साथ ही व्यावसायिक कॉल के मामले में कंपनी का नाम प्रदर्शित होगा. दूरसंचार कंपनियों का भी मानना है कि इस कदम से देश में साइबर क्राइम रोकने में मदद मिलेगी. इसके अलावा स्पैम कॉल रोकने में भी यह सहायक होगा. स्पैम कॉल देश में एक बड़ी समस्या बन चुका है. एक सर्वे के अनुसार, 60 फीसदी लोगों को दिन में 3 स्पैम कॉल आते हैं.
अभी लेनी पड़ती है ऐप की मदद
अभी तक मोबाइल यूजर्स को ट्रूकॉलरा जैसे ऐप की मदद कॉलर की जानकारी लेने के लिए लेनी पड़ती है. थर्ड पार्टी ऐप से मोबाइल यूजर्स का डेटा लीक होने का खतरा बना रहता है, क्योंकि ट्रूकॉलर ऐप इंस्टॉल होने के साथ आपसे कई परमिशन मांगता है, जिसमें आपके मोबाइल में सेव कॉन्टैक्ट, मैसेज और फोटो सहित दूसरी जानकारी. ऐसे में ट्राई के इस फैसले के बाद आपको थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होगी.