घरों के आंगन तक पहुंची उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की आंच, हालात हो रहे बेकाबू

इस खबर को शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड में जंगल की आग भयावह हो गई है। शुष्क मौसम के चलते तेजी से फैल रही आग काल बन रही है। लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं में बीते रोज तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। जबकि, एक व्यक्ति बुरी तरह झुलस गया। शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 64 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 75 हेक्टेयर वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में अब तक कुल 868 घटनाओं में 1086 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है।

जंगलों के झुलसने का सिलसिला जारी
उत्तराखंड में जंगलों के झुलसने का सिलसिला जारी है। वन विभाग सेना के सहयोग से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। शरारती तत्व भी वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 350 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। जिनमें 290 मुकदमे अज्ञात और 60 मुकदमे ज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध कराए गए हैं।

सूचना देने के लिए नंबर भी जारी
साथ ही अब तक कुल 58 व्यक्तियों को जंगल में आग लगाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है। वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर कॉल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना की सूचना दे सकते हैं।

मसूरी वन प्रभाग में भी धधके जंगल
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगल की आग फैलती जा रही है। मसूरी वन प्रभाग के आरक्षित वन में भी जंगल सुलग रहे हैं। शुक्रवार को यहां तीन स्थानों पर आग लग गई। इसके अलावा भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग, अल्मोडा वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, बागेश्वर वन प्रभाग, हल्द्वानी वन प्रभाग, तराई पूर्वी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, लैंसडौन वन प्रभाग, सिविल सोयम पौडी वन प्रभाग, बदरीनाथ वन प्रभाग, कालागढ़ टाइगर रिर्जव वन प्रभाग, केदारनाथ वन्यजीव वन प्रभाग में आग की घटनाएं दर्ज की गईं।

जंगल की आग की रोकथाम के प्रयासों की आज धामी करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को राज्य में जंगलों में आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करेंगे। वह दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बीच, वन मंत्री सुबोध उनियाल भी शुक्रवार को दैनिक समीक्षा में वनाधिकारियों को वनों में अग्नि नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।

साथ ही जनता से वनों को बचाने में सक्रिय सहयोग देने की अपील की।मुख्यमंत्री धामी राज्य में वनों की आग की घटनाओं पर लगातार नजर रखे हुए हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के अगले दिन ही देहरादून लौटकर मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

गुलदार पहुंच रहे हैं घरों के आंगन तक
नेपाल सीमा पर स्थित जंगलों में लगी आग से जहां वन संपदा नष्ट हो रही है वहीं आग की चपेट में आकर वन्य जीव संकट में आ चुके हैं। आग से बचने के लिए वन्य जीव गांवो की तरफ आ रहे हैं उनके शिकार के लिए गुलदार दिनदहाड़े गांव में पहुंच रहे हैं। गेठीगड़ा के भेलानी गांव में दिन में ही आंगन में ही गुलदार पहुंच गया।

गेठीगड़ा के भेलानी गांव में विरेंद्र सिंह बिष्ट के घर क आंगन में दिनदहाड़े गुलदार आ पहुंचा। उस समय आंगन में विरेंद्र सिंह का बच्चा खेल रहा था। आंगन में ही पालतू श्वान होने से श्वान गुलदार को देख कर भौंकने लगा। गुलदार ने कुत्ते पर हमला कर दिया। तब तक परिवार सहित आसपास के लोगों के पहुंचने से गुलदार श्वान को घायल कर भाग गया।

ग्रामीणों ने बताया कि जंगलों में आग लगने से छोटे वन्य जीव आग में जल कर मर रहे हैं कुछ वन्य जानवर जान बचाने को गांवों की तरफ आ रहे है उनके शिकार क लिए गुलदार दिनदहाड़े गांव में मकानों के आसपास तक पहुंच रहा है। विरेंद्र सिंह के आंगन में पहुंचा गुलदार शाम को गांव निवासी हरीश गोबाड़ी के आंगन तक पहुंच गया। गुलदार के घर के आंगन तक पहुंचने से ग्रामीण भयभीत हैं।

गांवों में गुलदार का खतरा बढ़ गया
बच्चों और पालतू जानवरों को अकेले नहीं छोड़ रहे हैं। बच्चों को तो घरों से बाहर तक नही निकलने दे रहे हैं नहीं जानवरों को आंगन पर बांध रहे हैं। ग्राम प्रधान देवकी देवी और सरपंच पुष्कर सिंह गोबाड़ी ने बताया कि जंगलों में आग से जंगल के निकट स्थित गांवों में गुलदार का खतरा बढ़ गया है। इसकी सूचना तहसील प्रशासन और वन विभाग को दे दी है।