इस राशि के लिए वरदान साबित होगा मई का महीना, धन-धान्य में होगी वृद्धि, दुख-दर्द होंगे दूर

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सीकर. देवगुरु बृहस्पति एक मई को मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. वृषभ राक्षस गुरु शुक्र की राशि है इसलिए बृहस्पति हर राशि में 13 महीने तक रहते हैं. ऐसे में वे 12 साल बाद अपने प्रतिद्वंद्वी शुक्र की राशि में आ रहे हैं. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवगुरु का यह गोचर राशियों पर भी असर डालेगा. बृहस्पति के प्रभाव से शिक्षा प्रणाली में सुधार होंगे और स्टूडेंट्स के लिए योजनाएं बनेगी.

पंडित घनश्याम शर्मा ने बताया कि बृहस्पति एक मई को दोपहर 2.29 बजे राशि बदलेंगे. पिछले साल अक्षय तृतीया पर 22 अप्रैल को उन्होंने मीन से मेष राशि में प्रवेश किया था. गुरु को विस्तार प्रगति और ज्ञान का ग्रह माना गया है जो अभी मंगल की राशि में मेष में हैं. उनके वृषभ राशि में गोचर करने से कई राशियों के जातकों को लाभ मिल सकता है.

बृहस्पति के बिना नहीं मिलता है जातकों को लाभ
क्योंकि नव ग्रह में बृहस्पति सबसे शुभ हैं और उनकी कृपा के बिना जातकों को शुभ फल नहीं मिलता. बृहस्पति तीन दृष्टि डालेंगे, जिनमें पंचम, सप्तम व नवम भाव शामिल है. वे धनु व मीन राशि के अलावा पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं. ज्ञान, शिक्षा, संतान, धार्मिक कार्य, तीर्थाटन, धन, दान, पुण्य, वृद्धि आदि का कारक माने गए हैं.

राशि परिवर्तन से होंगे यह लाभ
लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार करने वालों को सुखद समाचार मिल सकते हैं. राजनीति से जुड़े कुछ लोगों को जनता का सहयोग मिल सकता है. विद्यार्थियों को नया सीखने को मिलेगा. सेहत संबंधी परेशानियां भी कम हो सकती हैं. शिक्षा में सुधार के योग बनेंगे और योजनाएं भी बनेगी.