मां ने चार बच्चों को नदी में फेंका, तीन को एक-एक कर डुबाकर मारा और चौथा बचकर भागा

The mother threw four children into the river, drowned three of them one by one and the fourth one escaped
The mother threw four children into the river, drowned three of them one by one and the fourth one escaped
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औरैया: औरैया में गुरुवार को दिल दहलाने वाली घटना हुई। कलह से परेशान मां ने तीन मासूम बच्चों को नदी में डुबोकर मार डाला। चौथे बेटे को भी मारने का प्रयास किया पर वह बच गया। उसी बच्चे ने ग्रामीणों को सूचना दी जिसके बाद पुलिस भी पहुंच गई। महिला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। एसपी ने घटना की जांच के लिए पुलिस टीम गठित कर दी है। फफूंद थाना क्षेत्र के बरौआ गांव निवासी प्रियंका की शादी इटावा के बसरेहर स्थित लुईया गांव में अवनीश से हुई थी। प्रियंका के चार बच्चे सोनू, आदित्य, माधव और मंगल हुए। दो साल पहले पति अवनीश की करंट से मौत हो गई तो वह चचेरे देवर आशीष के साथ रहने लगी। गांव में बदनामी होने पर वह मायके बरौआ आ गई। यहां पर भी आशीष साथ आकर रहने लगा था। गांव में भी जब ताने मिलने लगे तो एक महीने पहले वह आशीष व बच्चों को लेकर औरैया के बनारसीदास मोहल्ले में किराए पर कमरा लेकर रहने लगी।

आशीष सैलून में काम करता था। इधर, बच्चों की परवरिश को लेकर घर में रोज कलह होने लगी। नशे में आशीष प्रियंका व बच्चों से मारपीट करने लगा। तंग आकर गुरुवार सुबह प्रियंका सभी बच्चों संग सेंगर नदी के केशमपुर घाट पर पहुंची और एक-एक कर आठ वर्षीय सोनू, सात वर्षीय आदित्य, छह वर्षीय माधव, और ढाई वर्षीय मंगल को पानी में डुबो दिया। तीन की मौत हो गई जबकि सोनू किस्मत से बच गया। उसे मरा समझकर प्रियंका वहां से भाग निकली। मां के जाते ही सोनू ने निकलकर ग्रामीणों को सूचना दी। पुलिस ने शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

बच्चे रखने को राजी नहीं था देवर, इसलिए मार डाला

आशीष प्रियंका को चाहता था मगर वह बच्चों को साथ रहने को राजी नहीं था। जब तक वह प्रियंका के मायके में रहा तब तक तो गनीमत रही। जब से औरैया में किराए का कमरा लेकर रहने लगा तब रोज बच्चों को लेकर कलह होने लगी थी। प्रियंका की ताई गीता ने बताया कि अशीष प्रियंका को साथ में रहने को राजी था। मगर बच्चों को साथ में रखने के लिए तैयार नहीं था। इसी बात को लेकर घर में रोज कलह होने लगी।

आरोप है कि आशीष शराब के नशे में प्रियंका व बच्चों से मारपीट भी करता था। जिससे सभी आजिज आ चुके थे। गुरुवार को प्रियंका ने इसे हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला कर लिया था। गुरुवार तड़के प्रियंका अपने चार बेटों को लेकर गांव वरौआ के लिए आटो से निकली। घर से निकलते ही ताई को काल करके कहा कि मैं बच्चों को लेकर मरने जा रही हूं। यह कहने के बाद उसने फोन काट दिया। इस पर प्रियंका की ताई गीता आशीष के पास पहुंची। उसने प्रियंका के बारे में पूछा। पर आशीष ने कहा कि उसे नहीं पता है कि वह कहां है। इसके बाद वह आटो से नदी की ओर निकल पड़ी। वहां देखा तो सोनू बैठा रो रहा था।

भीड़ देख बड़े बेटे को छोड़कर भागी प्रियंका

एसपी चारू निगम के अनुसार गांव के लोगों को आते देखकर महिला बड़े बेटे सोनू को छोड़कर भाग गई। दोनों मृत बच्चों के मुंह से झाग आ रहा था। तलाश के बाद महिला को भी कुछ दूरी पर पकड़ लिया गया। घटना स्थल के करीबी गांव केशमपुर खाम में चर्चा थी कि एक महिला यह कहती हुई जा रही थी कि मैंने अपने बच्चों को मार दिया है। लोगों ने सुना मगर अपरचित होने के कारण किसी ने ध्यान नहीं दिया। घटना का पता चलने पर ग्रामीणों को ध्यान आया, लेकिन तब तक वह जा चुकी थी।

सोनू ने बताया, मौत को किस तरह दी मात

तीन बेटों को मौत के घाट उतारने वाली मां के बारे में बड़े बेटे आठ वर्षीय सोनू ने बताया कि किस तरह मां सबको नदी घाट पर लाई और पानी में डुबोकर मारा मार डाला। मुझे भी डुबोया, पर मैंने आंखें बंद कर ली। मां के जाने के बाद मैं पानी से बाहर निकल आया। सोनू अपने नाना के साथ था जो अब पुलिस कस्टडी में है। सास राधा ने रोते हुए बताया कि गरीबी के चलते वह भी औरैया रहकर दूसरों के घरों में काम करती है। हर महीने 15 सौ रुपये वह बहू को खर्चे के लिए देती थी। वह अलग रहती है। जबकि बहू अलग रहती है।

छह महीने पहले मायके आई थी प्रियंका

प्रियंका की सास राधा और ननद ज्योति एवं आरती ने बताया कि भाई अवनीश के साथ प्रियंका की शादी हुई थी। दो साल पहले भाई की करंट लगने से मौत हो गई थी। तब से भाभी घर पर रह रही थी। लेकिन चाचा का लड़का जो कि रिश्ते में देवर लगता है। भाभी के पास आता जाता था। गांव में खासी चर्चा और बदनामी हो जाने के बाद छह महीने पहले प्रियंका अपने मायके फफूंद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ आकर रहने लगी। पारिवारिक देवर भी उसके साथ गांव आकर रहने लगा।

आशीष की तलाश में पुलिस ने दी ताबड़तोड़ दबिश

दिल दहला देने वाली घटना के बाद से ही आशीष फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने रात भर ताबडतोड़ दबिश दी। हत्यारी मां प्रियंका के उससे अवैध संबंध थे। वह प्रियका को साथ रखना चाहता था। लेकिन उसके बच्चों को साथ रखना उसे नागवार गुजर रहा था। इसको लेकर वह आए दिन घर में कलह करता रहता था। जिसकी वजह से प्रियंका ने यह दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद एसपी चारू निगम ने कई टीमें बनाकर आरोपित आशीष की तलाश के आदेश दिए है।

हिरासत में कलयुगी मां

एसपी चारू निगम भी पहुंच गई। दो बच्चों के शव बरामद हो गए। जिनका पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। काफी देर तलाश करने के बाद तीसरे बच्चे का शव भी नदी से बरामद कर लिया गया। पुलिस ने बच्चों की हत्यारिन मां को हिरासत में ले लिया है। प्रियंका अपने मायके में अकेली है। एक भाई पवन था। जिसकी 10 वर्ष पहले मौत हो चुकी है। मा की भी मौत हो चुकी है। परिवार में केवल पिता हैं, पिता के साथ ही प्रियंका मायके में रह रही थी। माह भर से वह चचेरे देवर आशीष के साथ औरैया के बनारसीदास मोहल्ले में रहने आई थी। प्रियंका के चार बेटे सोनू, आदित्य माधव व मगंल थे।