मरीज बजाता रहा ‘बीन’ और हो गई ब्रेन सर्जरी… डॉक्‍टरों ने कैसे किया यह कमाल?

The patient kept playing 'bean' and got brain surgery... how did the doctors do this amazing?
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नई दिल्‍ली: इटली की राजधानी रोम में हाल में डॉक्‍टरों ने एक सफल ब्रेन सर्जरी (Brain Surgery) की। यह ऑपरेशन 9 घंटे चला। खास बात यह है कि इस दौरान मरीज होशो-हवास में रहा। वह ऑपरेशन के वक्‍त सैक्‍सोफोन बजाता रहा। रोम के जिस अस्‍पताल में यह सर्जरी हुई उसका नाम है पेडिया इंटरनेशनल हॉस्पिटल (Paideia International Hospital)। इसने व्‍यक्ति की पहचान ‘GZ’ के तौर पर की है। इस शख्‍स की उम्र 35 साल है। सर्जरी में एक ब्रेन ट्यूमर को हटाया गया। इस तरह के ऑरपेशनों को ‘अवेक सर्जरी’ (Awake Surgery) कहा जाता है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो यह सर्जरी मरीज की चेतन अवस्‍था में की जाती है। इस तरह की सर्जरी धीरे-धीरे प्रचलित हो रही है। भारत में भी डॉक्‍टर ऐसी सर्जरी को अंजाम दे चुके हैं। ‘अवेक सर्जरी’ यानी बिना बेहोशी ऑपरेशन का ख्‍याल ही डरा देता है। लेकिन, डॉक्‍टरों को इस तरीके में कई सकारात्‍मक पहलू दिख रहे हैं। सवाल यह है कि क्‍या इस तरह की सर्जरी में दर्द नहीं होता है? डॉक्‍टर इस तरीके को क्‍यों अपना रहे हैं? यह पूरी टेक्‍नीक क्‍या है? आइए, यहां इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

इटली में जिस शख्‍स की ब्रेन सर्जरी हुई, डॉक्‍टरों ने उसे तीन दिन बाद डिस्‍चार्ज कर दिया था। इस जटिल ऑपरेशन में 10 डॉक्‍टरों से ज्‍यादा की टीम लगी थी। इनमें न्‍यूजरोसर्जन, एनस्‍थीसियोलॉजिस्‍ट, न्‍यूरोसाइकॉलजिस्‍ट, न्‍यूरोफिजियोलॉजिस्‍ट और इंजीनियर शामिल थे। इटली में यह अपनी तरह का पहला ऑपरेशन था। GZ की सर्जरी इसलिए भी थोड़ी जटिल थी क्‍योंकि वह लेफ्ट हैंडेड थे। इससे ब्रेन की मैपिंग करने में मुश्किल बढ़ी। इस पूरी सर्जरी के दौरान मरीज फिल्‍म ‘लव स्‍टोरी’ की थीम के साथ इटली का नेशनल एंथम बजाता रहा।

द वॉशिंगटन पोस्‍ट के अनुसार, दुनियाभर में डॉक्‍टर हर साल 50 अवेक सर्जरी करते हैं। इस तरह की तकनीक में सर्जरी के दौरान डॉक्‍टरों को यह पता चलता रहता है कि मस्तिष्‍क किस तरह से काम कर रहा है। मसलन, याद रखने, बोलने, खेलने-कूदने की मरीज की गतिविधियां पहले की तरह हैं कि नहीं।

क्‍या होती है अवेक ब्रेन सर्जरी?
अवेक ब्रेन सर्जरी इस तरह की तकनीक है जिसमें ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेहोश नहीं किया जाता है। इसके बजाय मरीज पूरी तरह से होश में रहता है और आसपास की चीजों के बारे में जानता-बूझता है। एक्‍सपर्ट इस तरह की सर्जरी को अच्‍छा बताते हैं। वह मानते हैं कि इससे मस्‍त‍िष्‍क के काम काम करने वाले महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों को किसी नुकसान की आशंका कम रहती है। इनमें बोलने और याद करने जैसे सेंटर शामिल हैं। यह सर्जरी मरीज की अलर्ट अवस्‍था में की जाती है। अवेक सर्जरी के जरिये ब्रेन ट्यूमर जैसे ऑपरेशन किए जाते हैं।

क्‍या ऐसी सर्जरी में बहुत दर्द होता है?
बेशक, अवेक ब्रेन सर्जरी में मरीज चेतन अवस्‍था में होता है। लेकिन, जिस हिस्‍से में सर्जरी की जाती है, वहां लोकल एनेस्‍थीसिया का इस्‍तेमाल होता है। ये दवाएं मरीज की चेतन अवस्‍था पर असर नहीं डालती हैं। हालांकि, सर्जरी के दर्द को कंट्रोल करती हैं। पूरी सर्जरी के दौरान मस्तिष्‍क सक्रिय रहता है। उसे किसी तरह के दर्द का अहसास नहीं होता है।

क्‍या हैं इस सर्जरी की सीमाएं?
ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी के मामले में अवेक सर्जरी काफी कारगर है। लेकिन, इसकी अपनी सीमाएं भी हैं। इस तकनीक के साथ सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसका इस्‍तेमाल बहुत छोटे बच्‍चों और बहुत बुजुर्ग मरीजों पर नहीं किया जा सकता है। उन मरीजों पर भी इसे नहीं आजमाया जाता है जो बहुत ज्‍यादा डरते हैं और सर्जरी के दौरान जिनका रवैया सहयोगपूर्ण नहीं होता है। ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के बाद व्‍यक्ति सामान्‍य जिंदगी जीने लगता है।