पूर्व राष्ट्रपति का वेतन-भत्ता देने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शख्स, क्या आप यकीन कर पाएंगे!

The person reached the Supreme Court demanding the salary and allowances of the former President, will you be able to believe it!
The person reached the Supreme Court demanding the salary and allowances of the former President, will you be able to believe it!
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली: आप यह खबर पढ़ेंगे तो संभव है कि मन में यही ख्याल आए- आखिर कोई इतनी हिम्मत कहां से लाता है, भाई! वो कहते हैं ना कि दुनिया सतरंगी है। तरह-तरह के लोग हैं इस दुनिया में। सोचिए ना, कोई खुद को राष्ट्रपति बनाने की मांग लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटा दे, तो आप क्या समझेंगे? अभी दंग मत होइए, पूरा माजरा समझिए।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अर्जी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वघोषित पर्यावरणविद् की अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने ना केवल खुद को भारत का राष्ट्रपति बनाने की मांग की थी बल्कि राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक आरोप भी लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी का कोई महत्व नहीं है। सर्वोच्च न्यायायल ने आदेश में कहा, ‘याचिका महत्वहीन और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। शीर्ष संवैधानिक पद के खिलाफ जिम्मेदारी के भाव के बिना आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें रिकॉर्ड से हटाया जाता है।’

भविष्य में इस पर कोई विचार नहीं
न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने किशोर जगन्नाथ सावंत की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इस तरह की याचिका दायर नहीं करनी चाहिए, बल्कि वह काम करना चाहिए जिसके वह विशेषज्ञ हैं। पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को कहा कि वह भविष्य में इस विषय पर सावंत की कोई याचिका स्वीकार नहीं करे।

जानिए क्यों किया था राष्ट्रपति होने दावा
याचिकाकर्ता किशोर जगन्नाथ सावंत ने अदालत ने अनुरोध किया था कि उसे भारत के राष्ट्रपति पद के लिए ‘निर्विवाद उम्मीदवार’ बनाने का निर्देश दिया जाए और वर्ष 2004 से वेतन और भत्ते दिए जाएं क्योंकि उसे नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी। अदालत ने याचिका में किए गए अनुरोध पर गौर किया और कहा कि यह बिल्कुल महत्वहीन अर्जी है जिसे बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी जा सकती है।