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नई दिल्ली. यूरोपीय देश फ्रांस इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है. 17 साल के युवक नाहेल मेरजोक को पुलिसकर्मी द्वारा गोली मारने की घटना के बाद देश में स्कूल, कॉलेज, रेस्टोरेंट सहित तमाम पब्लिक प्लेस पर बड़ी संख्या में तोड़फोड़ व आगजनी की गई है. लोगों का कहना है कि यह एक नस्लीय घटना है. जानबूझ कर विशेष समूदाय को पुलिस ने टार्गेट किया है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे फ्रांस में हिंसक घटनाएं सामने आई. इसी बीच जिस पुलिसकर्मी ने बच्चे की हत्या की है, उसे 8.20 करोड़ रुपये बतौर इनाम मिलने जा रहे हैं. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि जिस पुलिसकर्मी की गलती से देश में इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है आखिर उसे इतनी बड़ी इनामी राशि भला कैसे मिलने जा रही है. आइये हम आपको इसके पीछे की स्टोरी के बारे में बताते हैं.
इंग्लैंड के अखबार मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार धुर दक्षिण पंथी विचारधार वाले लोगों और उनके साथियों ने इंटरनेट पर गोफंडमी पेज बनाया था. उन्होंने मृतक बच्चे के माता-पिता के लिए भी ऐसा ही एक पेज बनाया था. पुलिसकर्मी के पेज पर 1.07 मिलियन डॉलर का फंड अबतक आ चुका है. वहीं, मृतक के लिए दो लाख छह हजार डॉलर के करीब फंड आया है. यह राशि भारतीय करेंसी में करीब 1.69 करोड़ रुपये बैठती है.
क्या है पूरा मामला?
पेश मामले में 27 जून को अफ्रीकी मूल के नाहेल मेरजोक की पुलिसकर्मी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वो अपनी मर्सिडीज कार से जा रहा था, जिसे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने रोका था. पुलिसकर्मियों द्वारा रोकने और नाहेल पर बंदूक थामने का वीडियो वहां मौजूद किसी राहगीर ने बना लिया था, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कुछ समय बाद यह जानकारी सामने आई कि अफ्रीकी मूल के इस लड़के की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई.
हत्या पर पुलिस का क्या था तर्क?
नाहेल पर दो पुलिसकर्मियों ने बंदूक थामी थी, जिसमें से एक ने उसपर गोली चलाई. पुलिसकर्मी की तरफ से अपने इस कृत्य पर खेद जताया गया है. उसका कहना है कि उसे डर था कि कहीं यह 17 वर्षीय युवक उनके सहकर्मी पर गाड़ी ना चढ़ा दे. जानबूझ कर नाहेल को नहीं मारा गया. उस वक्त जो ठीक लगा वही एक्शन लिया गया.