Jaipur | Petrol Diesel Expensive in Rajasthan: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के संपन्न होते ही पिछले तीन-चार महीनों से शांत बैठा महंगाई का भूत फिर से जाग गया है। चुनावों से पहले तो ये केवल डरा ही रहा था लेकिन चुनावों के पूर्ण होते ही तो इसने लोगों को ऐसा झटका दिया है कि, अब तो लोगों की नींद भी उड़ा दी है। 137 दिनों बाद तेल कंपनियों ने लोगों को फिर से बड़ा झटका दिया हैं और पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगा दी है। ऐसे में आम जनता का हाल तो बुरा होना ही है। नंगा क्या नहाएगा और क्या निचोड़ेगा… पेट्रोल-डीजल के दामों में सबसे ज्यादा असर तो राजस्थान में पड़ा है। यहां तो पहले से ही पेट्रोल-डीजल के दामों ने लोगों की क्या सरकार तक की हवा टाइट कर रखी है।
प्रदेश की गहलोत सरकार तो खुद इस महंगाई रूपी आपदा से परेशान है। देश में सबसे महंगा डीजल राजस्थान में बिक रहा है, लेकिन राज्य सरकार आम जनता को राहत देने के मूड में नजर नहीं आ रही है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में तो पेट्रोल-डीजल के दामों में ऐसी आग लगी है कि देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल यहीं बिक रहा है। ऐसे में प्रदेश की सरकार मरती क्या न करती की स्थिति में आ गई है और अब राज्य की सरकारी बसों में भी पड़ोसी राज्यों से डीजल भरवाने के आदेश पास कराए जा रहे हैं।
सस्ते के चक्कर में राजस्व की हानि…
राजस्थान के मुख्यमंत्री महोदय भले ही सरकारी कर्मचारियों की झोली भरने में लगे हो लेकिन, उन्हें पड़ोसी राज्यों से डीजल खरीद कर राज्य के राजस्व को होने वाले नुकसान पर भी ध्यान तो देना ही होगा। तेल कंपनियों की ओर से थोक में डीजल के दाम 25 रुपए बढ़ाए जाने के बाद परिवहन निगम ने तो बसों को खुले बाजार से डीजल खरीदने की इजाजत दे दी। यहां तक की इंटर स्टेट चलने वाली बसों को तो पड़ोसी राज्यों से ही सस्ता डीजल खरीदने को कह दिया गया है। इसके लिए राज्य की सीमा से सटा राजस्थान का डिपो पड़ोसी राज्य के पेट्रोलियम डीलर से इसके लिए बात करेगा। राज्य के मुखिया जी आप भी तो कुछ ध्यान दीजिए ताकि, राज्य का राजस्व राज्य में ही रहे और सस्ते के चक्कर में आकर राज्य की पूंजी बाहर ने जाए। क्योंकि, आप ही को तो राज्य का विकास जो करना है।
बचाने के फेर में लूटा रहा रोडवेज
Petrol Diesel Expensive in Rajasthan: थोक में डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से तेल कंपनियों की ओर से रोडवेज को दिए जाने वाले बल्क डीजल की कीमत अब आसमान छूते हुए 106.71 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी है। वहीं डीजल का बाजार या खुदरा भाव कम है। ऐसे में रोजाना 48 लाख बचाने के चक्कर में रोडवेज ने बल्क की बजाए रिटेल में डीजल खरीदना शुरू कर दिया है। लेकिन पिछले कुछ महीने में बल्क स्टाॅक की कीमतों में हुई वृद्धि और अभी रिटेल पर डीजल लेने पर रोडवेज को प्रतिदिन 43 से 45 लाख रुपए का अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। इससे रोडवेज का नुकसान बढ़ रहा है। पर इन्हें समझाए कौन? कहावत है ना… अन्धेर नगरी चैपट राजा…