‘दुनिया की सबसे आक्रामक प्रजातियों’ में से एक हैं ये चींटियां, अब इस देश पर करने वाली हैं हमला, मच जाएगा हड़कंप!

These ants are one of the 'world's most aggressive species', now they are going to attack this country, there will be a stir!
These ants are one of the 'world's most aggressive species', now they are going to attack this country, there will be a stir!
इस खबर को शेयर करें

Red fire ants invade Britain: डंक मारने वाली लाल अग्नि चींटियों को ‘दुनिया की सबसे आक्रामक प्रजाति करार’ दिया गया है. अब ये चींटियां ब्रिटेन पर धावा बोलने के लिए तैयार हैं. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि डंक मारने वाली लाल चींटियां [Red Fire Ants] पहली बार ब्रिटेन पर आक्रमण कर सकती हैं. इस चेतावनी के बाद वहां हड़कंप मच गया है.

डेलीस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे आक्रामक प्रजातियों में से एक लाल अग्नि चींटियां पहले अन्य महाद्वीपों तक ही सीमित थीं. लेकिन अब क्लाइमेट चेंज के कारण ये चींटियां बड़ी संख्या में ब्रिटेन की ओर बढ़ रही हैं. वैज्ञानिकों ने इटली के सिसिली द्वीप पर सिरैक्यूज सिटी के पास 5 हेक्टेयर में फैले 88 लाल चींटियों के घोंसलों की पहचान की है. अब वे भविष्यवाणी करते हैं कि लंदन सहित हमारे प्रमुख शहरों पर इनका कब्जा हो सकता है.

कहां-कहां फैल सकती हैं ये चींटियां

स्पेन के इंस्टिट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के स्टडी लीडर रोजर विला ने कहा, ‘यूरोप के आधे शहरी इलाके पर इन चींटियों का कब्जा हो सकता है. बार्सिलोना, रोम, लंदन या पेरिस जैसे बड़े शहर इस आक्रामक प्रजाति लाल अग्नि चींटियों से काफी प्रभावित हो सकते हैं. इससे लोगों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. क्लाइमेट चेंज की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए हालात बहुत खराब हो सकते हैं, क्योंकि चींटियां संभावित रूप से यूरोप के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘इस नए खतरे को अनियंत्रित रूप से फैलने से पहले ही रोकथाम के कदम उठाने की जरूरत है. इसके दर्दनाक डंक और उनके घोंसलों के अलग तरह के टीलों के कारण इस चींटी का पता लगाना संभव है. हालांकि इस काम को करने के लिए एक एक्सपर्ट की जरूरत होगी.’ उनका कहना है कि सिसिली में ये चींटियां चीन या अमेरिका से आई होंगी.

कितनी खतरनाक है यह चींटी

चींटियों के डंक को ‘दर्दनाक और चिड़चिड़ाहट’ के रूप में बताया गया है. इससे फुंसी और एलर्जी हो सकती हैं, जो संभावित रूप से घातक एनाफिलेक्टिक सदमे को ट्रिगर कर सकती हैं. मूल रूप से साउथ अमेरिका की लाल अग्नि चींटी ने कई देशों में इकोलॉजिकल मॉडल, एग्रीकल्चर और इंसानों की हेल्थ पर व्यापक प्रभाव डाला है.