नई दिल्ली। gst hike on packed food items: जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इतना ही नहीं ग्राहकों को 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों के लिए भी पांच प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।
होटल के कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से Tax
इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल के कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गई है। अभी इस पर कोई कर नहीं लगता है। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
इन उत्पादों पर भी चुकानी होगी अधिक कीमत
‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दर बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।
सोलर वाटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था।
सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिए जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अब तक 12 प्रतिशत था।
हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी।
ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है।
बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकोनमी’ श्रेणी तक सीमित होगी।
आरबीआइ, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण और सेबी जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा।
बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।
खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जारी रहेगी छूट
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में जीएसटी परिषद ने डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। हालांकि खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स गलत
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दशकों से कर कानूनों के तहत छूट प्राप्त है। उन्होंने कहा, ‘संशोधन के संबंध में जो सवाल दिमाग में आता है, वह यह कि चूंकि अस्पतालों द्वारा किया जाने वाला इलाज एक समग्र आपूर्ति है, इसलिए इसके लेनदेन के विभिन्न हिस्सों पर नई कर देनदारी लगाने के लिए के लिए इसे विभाजित नहीं किया जा सकता है। यह अधिसूचना धारा आठ के प्राविधान से परे प्रतीत होती है, जो सभी समग्र आपूर्ति लेनदेन पर एकल कर को अनिवार्य करती है।’