मध्यप्रदेश मे एक अप्रैल से 17 हाईवे पर नहीं देना होगा टोल, CM शिवराज ने…

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इंदौर: मध्यप्रदेश में 17 हाईवेज पर अब निजी वाहनों को एक अप्रैल से टोल टैक्स नहीं देना होगा। अब इन मार्गों पर सिर्फ व्यावसायिक वाहनों से ही टोल लिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया। बैठक में ​​​​​​ मप्र सड़क विकास निगम के तहत 17 मार्गों पर यूजर्स फ्री कलेक्शन टोल टैक्स लेने की मंजूरी दी गई। साथ ही PEB का नाम बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड करने के फैसले पर भी मुहर लगा दी गई। पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल मप्र (व्यापमं) को अंग्रेजी नाम से यानी PEB (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) के नाम से जाना जाता था। अब यह कर्मचारी चयन बोर्ड होगा। यह बोर्ड सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत काम करेगा। यानी इसका नोडल डिपार्टमेंट भी बदल दिया गया है। अब तक PEB का नोडल डिपार्टमेंट तकनीकी शिक्षा विभाग था।

इसलिए टोल टैक्स फ्री करने का लिया फैसला
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश की करीब 200 सड़कों का सर्वे किया था। जिसमें यह बात सामने आई कि टोल टैक्स के रूप में 80% राशि वाणिज्यिक वाहनों से मिली है। जबकि निजी छोटे वाहनों से सिर्फ 20% पैसा मिलता है। इससे यात्रियों को ज्यादा परेशानी होती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था कि यदि निजी वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी जाती है तो यात्रियों को सुविधा होगी और राजस्व का अधिक नुकसान नहीं होगा। इसके बाद तय किया गया है कि अब चाहे BOT (एजेंसी सड़क बनाती है, टोल लेती है और निश्चित अवधि के बाद सरकार को सौंप देती है) की सड़क हो या फिर एन्यूटी पद्धति (एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण करने के बाद उसे समान किस्तों में लागत राशि दी जाती है) पर बनने वाली सड़क हो, इन पर निजी उपयोग में आने वाले यात्री वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। बैठक में एमपी स्टार्टअप नीति-2022 को भी मंजूरी दी है। कोरोना पीड़ित होने की वजह से सीएम शिवराज ने बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया।

कैबिनेट बैठक में नर्मदा एक्सप्रेस-वे को भी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई। राज्य सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नर्मदा एक्सप्रेस-वे के लिए भारत माला परियोजना के अंतर्गत प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर बनने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कबीर चबूतरा से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे अमरकंटक से प्रारंभ होकर झाबुआ (मध्य प्रदेश-गुजरात की सीमा) तक रहेगा। मध्यप्रदेश सरकार का मानना है कि यह प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग के तहत खरगोन जिले के बड़वाह में ITI खोलने और उसके लिए 19 प्रशासकीय पद और 11 अन्य पदों को स्वीकृति दी गई है। इसी तरह, अनूपपुर में पॉलिटेक्निक के लिए एक संकाय में 8 पदों को मंजूरी मिली है। इसके लिए 488.203 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा रोजगार निर्माण बोर्ड में उपाध्यक्ष का पद अशासकीय व्यक्ति से भरा जा सकेगा। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में 2 नए कोर्स के संचालन के लिए 24 शैक्षणिक पद, सहायक अमले के 14 पद स्वीकृत करने के साथ ही 349.40 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में 10 से 30 वर्ष के दौरान समय-समय पर शुरू किए गए कोर्सेस के लिए 181 नए पद स्वीकृत किए हैं।

कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा विभाग के अलावा खेल विभाग के अंतर्गत महत्वपूर्ण निर्णय हुए। घुड़सवार फराज खान को 19वें एशियन गेम की तैयारी के लिए 50 लाख रुपए देने की मंजूरी दी गई, ताकि वो विदेश जाकर ट्रेनिंग ले सकेंगे।