मेरठ। Rajya Sabha Candidate लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के राजनीतिक समीकरण नया करवट ले रहे हैं। सूबे से 11 चेहरे राज्यसभा पहुंचेंगे, जिसमें सात पर भाजपा की जीत तय है। ऐसे में भगवा संगठन होमवर्क में जुटा है। वहीं, सपा-रालोद की ओर से चौ. जयंत सिंह के राज्यसभा भेजने से पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गरमाई है। भाजपा जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन साधने की कसरत में जुटी है। पश्चिम यूपी से तीन चेहरे राज्यसभा पहुंचने की रेस में हैं।
उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्तासीन होने के बाद भाजपा एक बार फिर चुनावी गियर डाल चुकी है। स्थानीय निकाय के एमएलसी चुनाव में पार्टी ने क्लीन स्वीप कर दिया। अब राज्यसभा की 11 सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे। 30 मई तक नाम तय करने हैं, जिसके लिए भाजपा की शीर्ष इकाई मंथन में जुटी है। नामों की घोषणा 28 मई तक होगी। राजनीतिक पंडितों की मानें तो 11 में सात सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित है, जिसमें केंद्र सरकार में मंत्री एवं अहम ओहदों पर बैठे चार चेहरे रिपीट होंगे।
ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी
सिर्फ तीन नए चेहरों को राज्यसभा में सीट मिल सकती है। पश्चिम उप्र से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का नाम चर्चा में है, जिन्हें सदन भेजकर पार्टी 2024 से पहले ब्राह्मण कार्ड खेल सकती है। पार्टी का एक खेमा उन्हें राज्यपाल बनाने की बात कह रहा है। उप्र श्रमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला भी ब्राहमण चेहरे के रूप में अहम दावेदार हैं। पिछली योगी सरकार में परिवहन मंत्री रहे अशोक कटारिया गुर्जर चेहरे के रूप में बड़े दावेदार बनकर उभरे हैं। उनका नाम संगठन आगे बढ़ा सकता है। वर्तमान राज्यसभा सदस्य व गुर्जर नेता सुरेंद्र नागर भी अपनी सीट बरकरार रखने की कसरत कर रहे हैं। उन्हें दिल्ली में अपने संपर्कों का सहारा है।
जाट-गुर्जर समीकरण भी अहम
पार्टी एक जाट चेहरे पर भी दांव खेलने की संभावनाएं तलाश रही है। इस कड़ी में अमरोहा से लोस चुनाव लड़ चुके तरुण राठी का नाम गलियारों में चर्चा में है। राठी पिछली योगी सरकार में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास बोर्ड में अहम दायित्व संभाल चुके हैं। इसके अलावा पश्चिम यूपी से आशू वर्मा, देवेंद्र सिंह चौधरी, कंवर सिंह तंवर, जबकि अवध क्षेत्र से संजय सेठ एवं प्रियंका रावत समेत कई नाम चर्चा में हैं।
13 एमएलसी सीटों को भी भरना है
वहीं, जुलाई तक 13 एमएलसी सीटों को भरना है, जिसके लिए कई दिग्गज गुणा गणित में जुट गए हैं। हालांकि योगी मंत्रिमंडल में सहारनपुर के जसवंत सैनी, पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौड, दानिश अंसारी, गाजियाबाद के नरेंद्र कश्यप व बनारस के दयाशंकर मिश्र दयालु के शामिल करने के बाद इन्हें एमएलसी बनाना जरूरी है, ऐसे में ज्यादा भाजपाइयों के समायोजन की गुंजाइश नहीं बनेगी।