उत्तराखंड में UCC को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, जानें क्या-क्या होंगे बदलाव

UCC gets President's approval in Uttarakhand, know what changes will happen
UCC gets President's approval in Uttarakhand, know what changes will happen
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देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक अब कानून बन गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार जल्द इसकी अधिसूचना जारी करेगी। उसी दिन से यह कानून लागू हो जाएगा। सरकार ने इस कानून की नियमावली तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है।

5 सदस्यीय कमेटी तय करेगी नियम
यूसीसी को लागू करने के लिए 5 सदस्यी कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी इस कानून के लिए लागू करने के लिए नियम तय करेगी। इस कमेटी में पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और उत्तराखंड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा शामिल हैं। इसी कमेटी के ऊपर इसके नियम और उप नियम तय करने की जिम्मेदारी होगी।

6 फरवरी को विधानसभा से मिली थी मंजूरी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024 विधेयक पेश किया था। विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। बता दें कि समान नागरिक संहिता समवर्ती सूची का विषय है। इसे लागू करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों के कानून प्रभावित होते हैं। इसे में इस मामले में केंद्र के कानून प्रभावी माने जाते। इसीलिए इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।

जानें क्या होगा बदलाव
यूसीसी में कमेटी ने लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल निर्धारित की है। साथ ही तलाक के लिए महिला और पुरुष को बराबर अधिकार दिए गए हैं। वहीं महिला अगर दोबारा शादी करना चाहती है तो उस पर किसी भी तरह की शर्त नहीं होगी। UCC कानून में हलाला को लेकर भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। हलाला मामले में तीन साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही अगर पति या पत्नी में से कोई भी जिंदा है तो वह दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे। UCC में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए भी प्रावधान किया गया है। कानून के मुताबिक लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया जाएगा। एक पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर रजिस्ट्रेशन होगा।