राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से जुड़े विहिप नेता आचार्य धर्मेंद्र का निधन

VHP leader Acharya Dharmendra associated with Ram Janmabhoomi temple movement passed away
VHP leader Acharya Dharmendra associated with Ram Janmabhoomi temple movement passed away
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लखनऊ। Aacharya Dharmedra: अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन से लम्बे समय तक जुड़े रहने वाले 80 वर्षीय आचार्य धर्मेन्द्र का सोमवार को जयपुर में निधन हो गया। राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद वह गौ रक्षा के लिए भी बेहद सक्रिय थे और 52 दिन तक अनशन भी किया था। आचार्य धर्मेन्द्र का 1966 के गोरक्षा आन्दोलन में,श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन में और कई जनजागरण यात्राओं में अहम योगदान रहा है।

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में शामिल रहे 80 वर्षीय आचार्य धर्मेन्द्र का बीमारी के कारण सोमवार को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में निधन हो गया। देश के जाने-माने संत आचार्य स्वामी धर्मेन्द्र का दोपहर बाद परिवार के रिवाज के अनुसार अंतिम क्रिया की जाएगी। इसमें देश प्रदेश से हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

आचार्य धर्मेन्द्र ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय रहकर इस आंदोलन में अपना अहम योगदान दिया था। विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मण्डल में रहे स्वामी धर्मेन्द्र राम जन्मभूमि आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थे। वह कहीं पर भी राममंदिर मुद्दे पर बड़ी ही बेबाकी से अपनी बात रखते थे। जिस दिन अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले का फैसला आने वाला था उस समय उन्होंने कहा था-सत्य से क्या डरना जो भी फैसला होगा मुझे मंजूर होगा। मैं ही आरोपी नंबर वन हूं। इसके बाद जब फैसला आया तो खुशी जाहिर करते हुए कहा था बोले-सत्य की जीत हुई है। उनको रामजन्भूमि आंदोलन का एक सशक्त स्तंभ माना जाता है।

आचार्य धर्मेन्द्र का अप्रैल 1984 में विश्व हिन्दू परिषद् की ओर से पहली धर्म संसद में राम जन्मभूमि के द्वार से ताला खुलवाने के लिए जनजागरण यात्राएं करने का प्रस्ताव पारित करने और राम जानकी रथ यात्रा और विश्व हिन्दू परिषद की ओर से अक्तूबर 1984 में जनजागरण के लिए की गई सीतामढ़ी से दिल्ली तक राम जानकी रथ यात्रा में अहम योगदान रहा।