![Wagner Army reached Russia's nuclear weapons! America's concern increased Wagner Army reached Russia's nuclear weapons! America's concern increased](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2023/07/Screenshot_6-6.jpg)
- बिहार में स्कूल की टाइमिंग में हुआ बड़ा बदलाव, शिक्षा विभाग ने जारी किया शेड्यूल, यहां देखें पूरी समय सारिणी - June 26, 2024
- बिहार में बच्चों का आधार कार्ड बनवाने में छूट रहे पसीने, एक लापरवाही अब पड़ रही भारी - June 26, 2024
- नीतीश के नेतृत्व में JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, कई सदस्यों पर गिरेगी गाज! - June 26, 2024
यूक्रेन के सैन्य खुफिया प्रमुख काइरिलो बुडानोव ने दावा किया है कि रूस के वैगनर लड़ाके छोटे परमाणु हथियारों को जब्त करने के इरादे से रूसी परमाणु अड्डे, वोरोनिश -45 तक पहुंच गए थे. उन्होंने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, ‘परमाणु हथियारों के भंडार के दरवाजे बंद थे और वे तकनीकी विभाग में नहीं गए.’ हालांकि, वैगनर लड़ाकू विमान वास्तव में रूसी परमाणु अड्डे तक पहुंचे थे, इस बात का कोई सबूत नहीं मिल पाया है.
क्रेमलिन के करीबी एक सूत्र ने परमाणु हथियारों के बेस के पास वैगनर सेनानियों की मौजूदगी की पुष्टि की और कहा कि इस घटनाक्रम से अमेरिकियों के लिए चिंता पैदा हो गई है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि रूसी परमाणु हथियारों से किसी तरह का खतरा नहीं है.
रॉयटर्स के अनुसार, ऑनलाइन पोस्ट किए गए वीडियो और स्थानीय निवासियों से की गई बातचीत से संकेत मिलता है कि जब वैगनर आर्मी 24 जून को उत्तर की ओर मास्को की ओर बढ़ रही थी, तो सैन्य वाहनों का एक अलग समूह एक हाईवे पर पूर्व की ओर एक भारी किलेबंद रूसी सेना के कैंप की ओर मुड़ गया. ये आर्मी कैंप परमाणु हथियारों के लिए जाना जाता है.
क्रेमलिन के सूत्र ने रॉयटर्स को बताया, ‘आर्मी की टुकड़ी खास जोन में जाने में कामयाब रही, इसकी वजह से अमेरिकी उत्तेजित हो गए क्योंकि परमाणु हथियार वहां संग्रहीत हैं.’ विशेषज्ञों का तर्क है कि वैगनर सेनानियों को बम का इस्तेमाल करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, भले ही वे इन परमाणु हथियारों को हासिल करने में कामयाब हो जाएं. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स में परमाणु सूचना परियोजना के वरिष्ठ अनुसंधान सहयोगी और परियोजना प्रबंधक मैट कोर्डा ने तर्क दिया कि रूसी परमाणु सुरक्षा को भेदना वैगनर सेनानियों के लिए लगभग असंभव होगा.
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई दुर्भावनापूर्ण परमाणु हथियार हासिल करने में सक्षम हो जाता है, तो उन्हें हथियार अधूरे मिलेंगे, यानी उन्हें असेंबल करना होगा. इसके लिए उन्हें खास टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी और फिर लिंक को अनलॉक करने के लिए उन्हें रूसी परमाणु हथियारों के बारे में किसी जानने वाले (12वें निदेशालय के किसी व्यक्ति) के सहयोग की आवश्यकता होगी.’
12वें निदेशालय को मुख्य निदेशालय के रूप में भी जाना जाता है. ये रूसी रक्षा मंत्रालय के भीतर एक प्रभाग है जिसके पास परमाणु हथियारों की सुरक्षा, भंडारण और रखरखाव की जिम्मेदारी है. यह विशेष रूप से रूस के परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन और सुरक्षा पर केंद्रित है.