राजस्थान में दूसरे दौर की बारिश की चेतावनी, इन जिलों में मचेगी तबाही

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जयपुर। राजस्थान में मानसून की पहले दौर की बारिश ने कई जगह बाढ़ के हालात पैदा किए और प्रशासन के हाथ-पैर फुला दिए। बारिश का असर पूर्वी राजस्थान के जिलों पर अधिक दिखाई दिया। अब दूसरे दौर की बारिश का इंतजार किया जा रहा है। इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि पूर्वी राजस्थान पर ही बारिश की मेहर रहेगी। यदि ऐसा होता है तो प्रशासन के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। पहले दौर की बारिश में बने बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन को अभी से रणनीति बनानी होगी और उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जहां अतिवृष्टि के बाद अब तक लोग परेशान हो रहे हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि 17 व 18 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और 20 अगस्त तक राजस्थान में मानसून फिर सक्रिय होने से भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद संबंधित सभी विभागों को सावचेत हो जाना चाहिए। पहले दौर में हाड़ौती, सवाई माधोपुर, भरतपुर, दौसा, टोंक सहित आसपास के इलाकों पर असर ज्यादा दिखाई दिया था। 20 अगस्त के बाद फिर से इन्हीं स्थानों पर बारिश का जोर रहा तो निश्चित तौर पर परेशानी खड़ी हो सकती है। बड़ा कारण यह है कि इन क्षेत्रों में मानसून के पहले दौर की बारिश में बांध, नदी-नाले भर चुके हैं और अब भारी बारिश होगी तो पानी निकासी बड़ी समस्या बन जाएगी। पहले दौर में ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ी थी। हजारों बीघा में फंसले चौपट हो चुकी हैं।

राजस्थान में अब तक 11 जिलों में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। सवाई माधोपुर की देवपुरा तहसील में 1438 एमएम, बारां की शाहबाद तहसील में 1320 एमएम, बारां की छबड़ा तहसील में 1128 एमएम, छबड़ा की अटरू तहसील में 1039 एमएम, बूंदी में 1012 एमएम, झालावाड़ की गागरीन तहसील में 1150 एमएम, कोटा की पीपलदा में 1034 एमएम, कोटा की खातोली में 1280 और नवरेना बैराज में 1179 एमए और सवाई माधोपुर आईएमडी में 1014.6 एमएम और सवाई माधोपुर कीी ही ढील तहसील में 1011 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। पूर्वी राजस्थान में दूसरे दौर की भारी बारिश होती है तो निश्चित तौर पर इन क्षेत्रों में असर दिखाई देगा और हजारों लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।