वेब सीरीज, नशे का इंजेक्शन, पीट-पीटकर हत्या, अटैची में लाश… दहला देगा

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ग्रेटर नोएडा: होटल कब्जाने और ब्याज पर ली गई रकम ना लौटानी पड़े इसलिए आरोपियों ने साजिश रचकर होटल मालिक के बेटे कुणाल शर्मा (15) का अपहरण कर उसकी हत्या की थी। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को हत्याकांड का खुलासा किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मनोज शर्मा, हिमांशु चौधरी, कुणाल भाटी और एमबीबीएस छात्रा तन्वी के रूप में हुई। तन्वी हिमांशु की महिला मित्र है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने इस हत्याकांड की साजिश ओटीटी पर आने वाले एक वेब सीरीज को देखकर रची थी।

अपर पुलिस आयुक्त बबलू कुमार और डीसीपी ग्रेनो साद मियां खान ने बताया कि इस वारदात के दो मास्टरमाइंड मनोज और हिमांशु हैं। दोनों ने एक महीने पहले साजिश रची। कुल चार लोग घटना में शामिल थे, जिसमें एक मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा है। मनोज की रंजिश यह थी कि जो शिवा रेस्तरां वर्तमान में कुणाल और उसके पिता कृष्ण शर्मा चला रहे थे वह पूर्व में मनोज का था। मनोज ने 23 लाख रुपये कृष्ण से ब्याज पर लिए थे, जो कि वह नहीं चुका पाया। इसके बदले कृष्ण और कुणाल ने मनोज का रेस्तरां अपने नाम लिखवा लिया था। रेस्तरां का संचालन कृष्ण का बेटा कुणाल शर्मा करता था। मनोज को उम्मीद थी कि कुणाल की हत्या के बाद उसको वापस रेस्तरां पर कब्जा मिल जाएगा।

वहीं, हिमांशु ने होटल संचालक कृष्ण से ढाई लाख रुपये ब्याज पर लिए थे, जिसको वह वापस मांग रहा था। इस वजह से वह साजिश में शामिल हुआ। हिमांशु ने रुपयों का लालच देकर दोस्त कुणाल भाटी और महिला मित्र तन्वी को भी इसमें शामिल किया। इसके बाद साजिश के तहत अपहरण और हत्याकांड को अंजाम दिया। होटल संचालक कृष्ण शर्मा हत्यारोपी मनोज के मौसा लगते हैं।

मनोज ने ही हिमांशु की जान पहचान कृष्ण शर्मा से करवाई थी। इसी भरोसे में उसने रकम ब्याज पर दे दी थी। घटना का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने सम्मानित किया है। घटना में इस्तेमाल कार, कुणाल के कपड़े, मोबाइल, घटना के समय तन्वी ने जो चप्पल, जींस, टॉप पहनी थी और हिमांशु ने जो कपड़ा पहना था उसे बरामद कर लिया है।

वेब सीरीज देखकर मिटाए सबूत
हत्या के बाद सबूत को मिटाने का तरीका आरोपियो ने वेब सीरीज को देखकर सीखा था। इसलिए आरोपियों ने कुणाल के शव को नहर में फेंकने से पहले कपड़े उतार दिए थे। उसके शव को बड़े ट्रॉली बैग में लेकर गए थे। बैग को कार की डिग्गी में रखा था। कुणाल शर्मा का मोबाइल भी नाले में फेंक दिया था और कपड़े को कूड़ा घर में छिपा दिया था। अपहरण के बाद कार में मौजूद मेडिकल की पढ़ाई कर रही तन्वी ने ही कुणाल को नशीला इंजेक्शन लगाया था।

इसके बाद उसके मुंह पर टेप बांध दिया। इतने पर भी आरोपियों का मन नहीं भरा। मन में बदला लेने की भावना ऐसी थी कि सेक्टर 126 स्थित किराये के फ्लैट में ले जाकर उसके सिर को दीवार में मारा गया। जब तसल्ली हो गई कि वह मर गया है तब घटना के अगले दिन देर रात शव को बुलंदशहर में नहर में फेंका था।

सेक्टर 16 मार्केट में बदलवाया कार का स्टिकर
घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें देखा गया कि कार पर भाटी लिखा है, ब्लैक फिल्म चढ़ी हुई है और विधायक का स्टिकर लगा है। विडियो वायरल होने के बाद आरोपियों ने नोएडा सेक्टर 16 स्थित मार्केट में कार को लाकर सबूत मिटा दिए। नए स्टिकर कार पर चिपका दिए, जिससे कि पुलिस पहचान न पाए।

पुलिस ने दावा किया है कि घटना के दौरान जो सीसीटीवी वायरल हुआ उसमें कैद हुए लोगों में हिमांशु कार की ड्राइविंग सीट पर था। कुणाल भाटी बाहर खड़ा था। उसने दिव्यांग बनने का नाटक किया था, जो युवती कुणाल को साथ लेकर आई थी वह तन्वी थी। मनोज घटनास्थल पर नहीं आया था।