रद्द होगी NEET परीक्षा, दोबारा होंगे एग्जाम? गड़बड़ी पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कर दिया साफ

Will NEET exam be cancelled or will the exam be held again? Union Education Minister has clarified on the irregularities
Will NEET exam be cancelled or will the exam be held again? Union Education Minister has clarified on the irregularities
इस खबर को शेयर करें

Union Education Minister Clarified on NEET Controversy: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार नीट में अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी, लेकिन उन्होंने ने यह संकेत भी दे दिया कि पूरी प्रवेश परीक्षा को रद्द करना असंभावित है. प्रधान ने नीट एस्पिरेंट्स द्वारा शिक्षा मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने और दोबारा परीक्षा कराने, खराब नतीजों की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने और एनटीए से पारदर्शिता की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपने के कुछ घंटे बाद यह बात कही. उन्होंने कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों और उनके अभिभावकों से भी मुलाकात की. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस साल परीक्षा के दौरान पेपर लीक के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल टॉपर्स की संख्या ज्यादा था, क्योंकि बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे.

कुछ मुद्दों के आधार पर पूरी प्रक्रिया पर न उठाए सवाल: शिक्षा मंत्री
प्रधान ने अपनी बात रखते हुए कहा, “मैंने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा. मैंने उनसे कहा कि कुछ केंद्रों पर सामने आए मुद्दों के आधार पर परीक्षा की शुचिता का आकलन न करें.” उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र को 1,563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को रद्द करने, प्रमुख परीक्षा में व्याप्त अराजकता और आरोपों के बीच उनके लिए नीट आयोजित करने की मंजूरी देने के एक दिन बाद आई है, जिससे हजारों बच्चों के भविष्य को खतरे में पड़ने का खतरा है.

विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधान ने कहा कि इस साल परीक्षा पास करने वाले बड़ी संख्या में छात्र ग्रामीण इलाकों से हैं. इनमें वे भी शामिल हैं, जिन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने कहा, “कुछ लोग इसे पचा नहीं पा रहे हैं और इसलिए वे ऐसे छात्रों के हित के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश कर रहे हैं.”

ग्रामीण छात्र ज्यादा से ज्यादा हो रहे परीक्षा में शामिल
प्रधान ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 41 याचिकाएं लंबित हैं. उन्होंने पूछा कि इन याचिकाओं के पीछे कौन हैं? शिक्षा मंत्री ने कहा, “ये याचिकाकर्ता न तो माता-पिता हैं और न ही छात्र हैं… कुछ लोग जो इस तथ्य को लेकर असुरक्षित हैं कि नीट यूजी जैसी परीक्षाएं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच गई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के कई छात्र इन परीक्षाओं को पास कर रहे हैं. पिछले साल तमिलनाडु के एक राज्य-बोर्ड के छात्र ने नीट यूजी परीक्षा में टॉप किया था.”

छात्र हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध
शिक्षा मंत्री ने कहा, “सरकार NEET परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार मेडिकल परीक्षा के संचालन में किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाएगी. मंत्रालय एनटीए की जवाबदेही भी तय करेगा. अगर एजेंसी के स्तर पर कोई खामी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी. छात्रों की सभी चिंताओं को निष्पक्षता और समानता के साथ संबोधित किया जाएगा.”

कुछ परीक्षा केंद्रों से सामने आए थे मामले
इस साल का नीट उन आरोपों के सामने आने के बाद विवादों में घिर गया जब राजस्थान के एक केंद्र में हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले छात्रों को फटी ओएमआर शीट और पेपर वितरण में देरी और अंग्रेजी में प्रश्नपत्र मिले. कथित पेपर लीक को लेकर पटना में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने एक रैकेट के हिस्से के रूप में प्रश्न पत्र हल करने और आंसर सप्लाई करने में शामिल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें चार स्टूडेंट्स शामिल हैं.

टॉपर्स की संख्या
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिर्फ 6 केंद्रों पर गलत प्रश्नपत्र बांटे गए. वहीं, टॉप स्कोरर को लेकर उन्होंने कहा कि इस साल परफेक्ट स्कोर पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 थी, जबकि 2023 में यह 2 थी. प्रधान ने कहा कि उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है, जिसके कारण कॉम्पिटिशन ज्यादा है.

ग्रेस मार्क्स का मुद्दा
वहीं, ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों ने शिकायत की कि उन्हें परीक्षा पूरी करने के लिए निर्धारित 3 घंटे और 20 मिनट नहीं मिले. एनटीए शिकायत समिति ने इस पहलू पर गौर किया और मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के छह केंद्रों से 1,563 उम्मीदवारों की पहचान की. इनमें से हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक ही केंद्र पर परीक्षा देने वाले 6 टॉपर शामिल थे, जिन्होंने गुरुवार को अपने ग्रेस मार्क्स खो दिए.

ग्रेस मार्क्स पाने वाले देंगे दोबारा परीक्षा
प्रधान ने कहा कि कुछ केंद्रों से कुछ मुद्दे सामने आये हैं और जांच चल रही है. उन्होंने कहा, “1,563 छात्रों के लिए एनटीए 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित करेगा. कुछ मुद्दे दो केंद्रों से भी सामने आए हैं, जो वे सुप्रीम कोर्ट में हैं. इन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी. तब तक इंतजार करते हैं. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.”

विपक्ष पर किया पलटवार
प्रधान ने नीट को खत्म करने की विपक्ष की मांग पर भी हमला बोला. उन्होंने पूछा, “ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ राज्य यह तय करना चाहते हैं कि उनके कॉलेजों में कौन पढ़ रहा है. कई राज्यों में दाखिले के लिए कोई पारदर्शी प्रक्रिया नहीं थी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए अधिकृत किया. एनटीए पिछले कई वर्षों से परीक्षा आयोजित कर रहा है. परीक्षा रद्द करने की क्या जरूरत है?”

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार एनटीए के प्रवेश संचालन के तरीके में कुछ सुधार लाने के लिए कदम उठाएगी? प्रधान ने कहा, “एनटीए एक सक्षम एजेंसी है. हालांकि, कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं होती है और हम लगातार सुधार लाने पर काम करते हैं.”