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बदायूं: जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहने वाली पुलिस के बड़े अफसर ही यदि आरोपों में घिर जाए तो पीड़ित न्याय की फरियाद कहा करेगा। यूपी के बदायूं जिले के बिसौली सर्किल पर तैनात सीओ सुनील कुमार पर एक नाई ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि दलबीर नामक सैलून पर नाई विनोद कुमार बीते पंद्रह सालों से बाल कटिंग और सेविंग का काम करता आ रहा था। लेकिन बीती 28 मई को जो हुआ उसके साथ वो हैरान कर देने वाला था। आरोप ऐसा की शायद ही कोई बड़ा अफसर महज इतनी सी बात पर क्या आग बबूला हो सकता है यकीन करना मुश्किल था।
बदायूं के बिसौली नगर में नगर पालिका के निकट सैलून चलाने वाले नाई विनोद कुमार के परिजनों ने 28 मई को सीओ सुनील कुमार पर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सीओ ने विनोद को शेविंग और बाल कटिंग के लिए अपने आवास पर बुलाया था। नाई विनोद को साहब के आवास पर पहुंचने में देरी क्या हुई कि सीओ सुनील कुमार नाई पर आग बबूला हो गए। इतना ही नहीं गाली-गलौज करते हुए उसे भगा दिया। साहब की डांट के बाद नाई अपने सैलून पहुंचा ही था कि दो सिपाही दुकान पर आ धमके और उसे उठाकर कोतवाली बिसौली की हवालात में ठूंस दिया। नाई ने जब इस बाबत पूछा कि उसका कसूर क्या है तो उन सिपाहियों ने कह दिया सीओ साहब को मालूम है। इसके बाद नाई के परिजन उसे छुड़ाने के लिए इधर-उधर दौड़ते रहे। कोतवाल सुनील अहलावत से भी गुहार लगाते रहे। लेकिन नाई को दूसरे दिन तक नहीं छोड़ा गया, तब मामला मीडिया को पता चला।
अफसरों को पता चलने पर छोड़ा नाई
बदायूं पुलिस के बड़े अफसरों तक जब मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आया तो आनन-फानन में विनोद को हवालात से छोड़ दिया गया। जब खबर पर मीडिया में चर्चा हुई तो विनोद पर अगले दिन बुधवार देर शाम मनी नाम के एक शख्स ने एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया गया। यह शख्स सीओ सुनील कुमार के आवास पर सफाई का काम करता था।
आरोपी सीओ ने एससी एक्ट की खुद ही शुरू की जांच
दिलचस्प है कि विनोद कुमार के आरोपों के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक व्यक्ति विनोद पर बाल न काटने का आरोप लगाते सुना जा सकता था। इसके बाद विनोद पर एससी एक्ट में मुकदमा लिखा गया। मजेदार बात तो यह है कि आरोपी सीओ सुनील कुमार खुद ही एससी एक्ट की जांच कर नाई को सलाखों के पीछे पहुंचाने की पाटकथा लिखने लगे। गनीमत रही कि विनोद ने वक्त रहते आईजी बरेली और एसएसपी बदायूं, मुख्यमंत्री सहित संबंधित अफसरों को शिकायती पत्र भेज दिए। इसके बाद आईजी बरेली ने एसपी बरेली दक्षिणी को मामले की जांच सौंप दी। इधर जब नाई ने सीएम को पत्र भेजकर सीबीसीआईडी से जांच करने की गुहार लगाई तो एससी एक्ट की जांच आरोपी अफसर से हटाते हुए उझानी सीओ को दी गई है। हालांकि पूरे मामले लगे आरोप को लेकर सीओ सुनील कुमार ने सफाई देते हुए निराधार बताया था।
इस पूरे मामले में कुछ बड़े सवाल
नाई विनोद कुमार के परिजनों के मुताबिक विनोद को सीओ के फरमान के बाद दो पुलिसकर्मी उसकी दुकान बंद कराकर थाने उठा ले गए। लगभग 24 घंटे तक उसे बंद रखा गया। वहीं, एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा उस पर सीओ के आवास पर सफाई करने वाले व्यक्ति ने अगले दिन शाम को दर्ज कराया। सीओ सुनील कुमार की दलील थी कि सात साल से कम सजा वाले मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता तब उसे पुलिस कर्मी पकड़कर क्यों ले गए और उसे 24 घंटे लगभग हवालात में बंद क्यों किया गया? इन सवालों के जवाब एसपी बरेली की जांच के बाद ही सामने आएंगे।
बरहाल सच्चाई जो भी सही लेकिन बदायूं के सीओ नाई का मामला चर्चित है। सोर्स बताते है कि सीओ साहब अपने बचाव के लिए भरसक प्रयास में जुट गए हैं। वहीं, नाई भी अपने आपको बेकसूर बताते हुए एससी एक्ट में फर्जी मामले की दलील देता हुआ पुलिस अफसरों और नेताओं के दर-दर भटक रहा है।