आज भाइयों में इतना प्‍यार, कभी अंबानी खानदान में आ गई थी दरार… जब संपत्ति के लिए अनंत के पापा-चाचा में हुई ‘महाभारत’

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दुनिया के दिग्गज अरबपतियों से लेकर बॉलीवुड और खेल जगत के सितारे जामनगर पहुंच चुके हैं. मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani) के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की प्री वेडिंग फंक्शन ( Anant Ambani-Radhika Merchant Pre-Wedding) से गुजरात का जामनगर जगमगा उठा रहा है. प्री वेडिंग से पहले अनंत अंबानी ने एक इंटरव्यू में अपने भाई-बहनों के बीच प्यार और रिश्ते को लेकर खुलकर बात की. अनंत ने जहां बड़े भाई आकाश अंबानी को ‘राम’ के समान बताया तो बहन ईशा को ‘मां’ जैसा सम्मान देने की बात कही.

आकाश-ईशा से कैसे हैं अनंत अंबानी की रिश्ते

अनंत अंबानी ने इंटरव्यू में बताया कि ‘उनके बड़े भाई आकाश अंबानी राम हैं और वो उनके हनुमान हैं. जैसा उनका आदेश होगा मैं वैसा करूंगा’. रिश्तों में संपत्ति को लेकर आने वाली कटवाहट और दरार को दरकिनार करते हुए अनंत अंबानी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उनके भाई-बहनों में पिछली पीढ़ी की तरह संपत्ति को लेकर कोई विवाद नहीं होगा. यहां उनका इशारा पिता मुकेश अंबानी और चाचा अनिल अंबानी के बीच संपत्ति विवाद की ओर था.

जब सपंत्ति को लेकर हुआ था अंबानी ब्रदर्स में महाभारत

रिलायंस परिवार की पिछली पीढ़ी में संपत्ति बंटवारे को लेकर काफी विवाद हुआ था. कहानी करीब 13 साल पुरानी है, जब अंबानी भाईयों के बीच जायदाद का विवाद कोर्ट कचहरी तक पहुंचने की नौबत आ गई थी. साल 1981 में मुकेश अंबानी और साल 1983 में अनिल अंबानी पिता के कारोबार से जुड़ गए थे. धीरू भाई अंबानी ने रिलायंस को ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया था, लेकिन वो अपने दोनों बेटों के बीच संपत्ति का बंटवारा या वसीयत बनवा पाते उससे पहले साल 2002 में उनकी मृत्यु हो गई. पिता के निधन के बाद मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन बने और अनिल अंबानी मैनेजिंग डायरेक्टर, लेकिन रिश्तों में दौलत ने दरार डालना शुरू कर दिया.

अंबानी परिवार की संपत्ति विवाद

नवंबर 2004 में दोनों भाईयों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि मां कोकिलाबेन ने कारोबार को दोनों भाईयों में बांटने का फैसला किया. फैसला किया गया कि रिलायंस के 1 लाख करोड़ के साम्राज्य को दोनों भाईयों में बांटा जाएगा. जून 2005 में मुकेश और अनिल अंबानी के बीच कंपनी का बंटवारे की तैयारी होने लगी, लेकिन अब इस बात को लेकर विवाद होने लगा कि किन भाई को कौन सी कंपनी दी जाए. विवाद साल 2006 तक चलता रहा. आईसीआईसीआई बैंक के तत्कालीन चेयरमैन वीके कामत के हस्‍तक्षेप के बाद मुकेश अंबानी के हिस्से में रिलायंस पैट्रोकैमिकल्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रोल कैमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आई. वहीं अनिल अंबानी के हिस्से में रिलायंस की बड़ी कंपनियों में से एक आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियां आईं.

मुकेश अंबानी ने बनाया, अनिल अंबानी ने गंवाया

बंटावारे के बाद साल 2006 में अनिल अंबानी देश के तीसरे सबसे अमीर उद्योगपति थे. बड़े भाई मुकेश अंबानी की तुलना में उनकी संपत्ति 550 करोड़ रुपए ज्यादा थी, लेकिन समय का चक्र ऐसा घूमा कि मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार को डेढ़ दशक में 16 गुना बढ़ा लिया. आज अंबानी केवल भारत नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति हैं. जबकि अनिल अंबानी की कंपनियां दिवालिया हो रही है.