रोक के बाद भी आयोजित हुई दुनिया की सबसे विवादित प्रतियोगिता, देखने पहुंचे हजारों

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दुनिया में अतरंगी कारनामे करने वाले लोगों की कमी नहीं है. लोगों के पास अजीबोगरीब आइडिया न जाने कैसे और कहां से आते हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं 2003 में मजाक में शुरू की गई एक प्रतियोगिता की. जिसका नाम है बबल बाबा चैलेंज जो एक तरह से नदी में होने वाली रेस है. रूस (Russia) में बाबा (Baba) का मतलब होता है कंट्री वूमन, जिसे कई बार अपमानजनक तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी सबसे अजीब बात यह है कि प्रतियोगी इसमें सेक्स डॉल (Sex doll) पर सवार हो कर फिनिशिंग पॉइंट तक पहुंचता है. दरअसल, ये हवा भरने वाला, सेक्स डॉल के शेप का रबड़ का गुब्बारा होता है. जिसमें से हवा निकाली और भरी जा सकती है.

इसकी शुरुआत कैसे हुई?

इसके संस्थापक दिमित्री बुलाविनोव ने इस बात की जानकारी दी कि इस रेस की शुरुआत एक पार्टी में मजाक के तौर पर हुई थी जहां पुरुष नशे में थे और महिलाएं नहीं आईं थीं. आपको बता दें कि यह प्रतियोगिता रूस में होती है. इस पर 9 साल तक बैन लगा रहा था. दरअसल, ये बैन लोगों की सुरक्षा को नजर में रखते हुए लगाया गया था क्योंकि पानी के तेज बहाव और नदी की गहराई की वजह हादसा होने का डर था. साथ ही नदी पर बने ब्रिज को बनाने के लिए भी 2012 में इस पर रोक लगाई गई.

रेस ने बढ़ाई प्रशासन की मुश्किलें

अब इस रेस के दोबारा आयोजित किये जाने के बाद से प्रशासन की परेशानियां बढ़ गई हैं. कोरोना महामारी के चलते इतनी ज्यादा संख्या में लोगों के इकट्ठा होने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. बावजूद इसके 26 जून 2021 को इसका आयोजन किया गया जिसमें लगभग 500 लोगों में हिस्सा लिया. इसके नियम थे कि प्रतियोगी 16 साल से ऊपर हो, उसे तैरना आता हो और ड्रिंक न की हुई हो. आयोजनकर्ता पहले से ही ढेर सारे इंफ्लैटेबले सेक्स डॉल्स ला कर रखते हैं और रेस के दौरान कंटेस्टेंट को रेंट पर देते हैं.
आपको बता दें कि रेस खत्म होने के बाद एक साइकल सवार की वजह से ट्रैफिक समस्याएं होने की शिकायतें भी आईं. दरअसल, उस शख्स ने अपने पीछे सेक्स डॉल को टांगा हुआ था. इस पर उस शख्स का कहना है कि यह तो गर्मियों का मुख्य आकर्षण (हाईलाइट) है.