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शिमला: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सीमेंट ढुलाई को लेकर चल रहे विवाद के बीच दाड़लाघाट में बुधवार को 40 ट्रक ऑपरेटरों ने गिरफ्तारियां दी। ट्रक ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बंद होने के 49 दिन बाद भी सीमेंट विवाद का समाधान न होने से ट्रक ऑपरेटरों के सब्र का बांध टूट रहा है। इससे पहले ट्रक ऑपरेटर यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया।
सुक्खू ने कहा- सरकार आपके साथ है
मुख्यमंत्री ने उनसे ट्रक भाड़े की अंतिम दरें राज्य सरकार को प्रदान करने का आग्रह किया ताकि इस मामले को संबंधित कंपनी के साथ उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ट्रक ऑपरेटरों के साथ है और उनका शोषण बिलकुल भी सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हजारों लोगों की आजीविका सीमेंट फैक्ट्रियों और अन्य गतिविधियों से जुड़ी हुई है, इसलिए प्रदेश सरकार इस मामले का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से करने के लिए प्रतिबद्ध है।
लोगों के परिवार मुश्किल में
ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स हिमाचल इकाई एवं बीडीटीएस के अध्यक्ष लेख राम वर्मा ने बताया कि एसीसी और अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के बंद होने से ऑपरेटरों और इस व्यवसाय से जुड़े हर व्यक्ति के घर में बच्चों की फीस, उनकी स्कूल की गाड़ियों का किराया देना भी मुश्किल हो गया है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि ट्रक ऑपरेटरों के अलावा इस व्यवसाय से जुड़े पेट्रोल पंप, टायर पंक्चर, स्पेयर पार्ट्स, होटल-ढाबे वालों के घरों में रोजी-रोटी पर बन आई है।
सरकार नाकाम?
लेख राम वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार मामला शांत करने की सिर्फ मध्यस्थता कर रही है। सरकार का काम मध्यस्थता करना नहीं, मामले का समाधान कर फैक्ट्री को खुलवाना है। इसमें अभी तक सरकार नाकाम रही है। अब ऑपरेटरों का सब्र टूट चुका है।