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पटना. राज्य के 11 जिले के 96 प्रखंडों की 937 पंचायतों के 7841 राजस्व ग्राम को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है. यह निर्णय एक दिन पूर्व कैबिनेट में लिया गया है. इसकी शनिवार को आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.
कृषि विभाग निगरानी करेगा
अब प्रभावित राजस्व ग्राम के अधीन सभी टोलों, बसावटों व गांव के लोगों को प्रति परिवार 35 सौ रुपये देने का रास्ता भी साफ हो गया. विभाग द्वारा जिला स्तर पर डीएम के नेतृत्व में सुखाड़ सहाय्य कार्य चलाया जायेगा. डीएम के अधीन टास्क फोर्स सुखाड़ से उत्पन्न स्थिति एवं इसके निवारण के लिए किये जा रहे प्रयासों की लगातार निगरानी की जायेगी. विभाग में विशेष नियंत्रण कक्ष भी इसकी निगरानी करेगा. कृषि विभाग भी इसकी निगरानी करेगा.
राज्य स्तर पर गठित आपातकालीन प्रबंध समूह भी जिलों द्वारा उठाये गये कदमों की निगरानी करेगा. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार सूखाग्रस्त जिलों जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका, जमुई व नालंदा में वर्षापात में 30 फीसदी से भी अधिक की कमी रही.
लाभुकों को मिलेंगे 3500 रुपये
सूखाग्रस्त जिलों के सभी प्रभावित परिवारों को जिलाधिकारियों की अनुशंसा पर विशेष सहायता के रूप में 3500 रुपये दिये जायेंगे. यह राशि सीधे लाभुकों के खाते में दी जायेगी. इस राशि का वहन एसडीआरएफ से 3360, राज्य संसाधन से 140 रुपये खर्च किये जायेंगे. वहीं, बता दें कि सीएम नीतीश कुमार कुछ दिन पहले राज्य के सुखाग्रस्त जिले को लेकर समीक्षा बैठक किए थे. बैठक में अधिकारियों ने सीएम को सुखाड़ को लेकर स्थिति से अवगत कराया. सुखाग्रस्त जिले पर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए थे. इस दौरान वित्त मंत्री विजय चौधरी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.