देहरादून। शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को सात फार्मूलों से दूर किया जाएगा। इसके लिए 10 फरवरी से शुरू होने जा रहे विशेष अभियान के लिए शिक्षा विभाग ने सात श्रेणियां तय की हैं। इनके आधार पर वित्त अधिकारी व आहरण-वितरण अधिकारी अपने क्षेत्र में वेतन विसंगति का अध्ययन करते हुए समाधान निकालेंगे। बीस अप्रैल तक विसंगतियों का हल नहीं कर पाने वाले अधिकारियों को अप्रैल से वेतन नहीं मिलेगा।
राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षक वेतन विसंगति से परेशान हैं। समय समय पर लागू होने वाले वेतन का कई जगह गलत निर्धारण कर दिया गया। इससे विसंगतियां पैदा हो गईं और इसी वजह से कोर्ट में बड़ी संख्या में वाद भी दायर हैं। इन प्रकरणों का हल निकालने को ढाई माह का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें हर ब्लॉक में प्रत्येक शिक्षक से जुड़ी विसंगति दूर करते हुए रिकार्ड अपडेट किया जाएगा। प्रत्येक आहरण वितरण अधिकारी को अनिवार्य रूप से माध्यमिक-बेसिक शिक्षा निदेशक तथा वित्त नियंत्रक को इस बाबत प्रमाणपत्र भी देना होगा।
शिक्षकों की वेतन विसंगतियां यूं की जाएंगी दूर
वित्त अधिकारियों को कार्मिकों की प्रथम नियुक्ति, प्रमोशन, समयमान वेतनमान-एसीपी पर वेतन निर्धारण के लिए उदाहरण के साथ वेतन तय करने को विस्तार से फार्मूला दिया गया है। चयन प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों की पदोन्नति समान वेतनमान में होने पर वेतन निर्धारण के लिए उदाहरण दिए हैं। इसी प्रकार वेतन उच्चीकरण होने, वेतन आयोग की संस्तुति पर होने वाले वेतन निर्धारण का ब्योरा भी दिया है। छठवें व सातवें वेतनमान के तहत वेतन तय करने के लिए तारीखवार ब्योरा भी दिया है। वित्त अधिकारी और आहरण वितरण अधिकारियों के लिए सभी श्रेणियों में उदाहरण के साथ फार्मूले दिए गए हैं। इनके आधार पर ही वेतन निर्धारण किया जाना है। सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि ढाई महीने की अवधि में सभी खामियों को नियमानुसार दूर कर दिया जाए।
मेजर योगेंद्र यादव, अपर सचिव-शिक्षा