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पटना। पूर्णिया में रोगी की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगा डॉक्टर पर हमले को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने गंभीरता से लिया है। आइएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. श्याम नारायण प्रसाद, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सहजानंद प्रसाद, वरीय उपाध्यक्ष डा. सुनील कुमार, सचिव डॉ. अशोक कुमार व समन्वयक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि मंगलवार को राज्य के सभी चिकित्सकीय संस्थान बंद रहेंगे।
हालांकि, उन्होंने गंभीर रोगियों के लिए सरकारी व निजी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा को बाधित नहीं करने की बात कही है। 22 नवंबर को आइएमए की एक्शन कमेटी की आपात बैठक में आगे की कार्रवाई की रणनीति बनाई जाएगी। चिकित्सा संस्थान बंद रखने की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव व सरकार को दे दी गई है।
डॉक्टरों पर हमले बढ़ने के कारण बंद का आह्वान
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि प्रदेश में मरीज की मौत होने पर डॉक्टरों की पिटाई व अस्पताल में तोड़फोड़ कर मोटी राशि वसूलने के मामले बढ़े हैं। इस बारे में गत दो वर्ष में कई बार स्वास्थ्य पदाधिकारियों से कई बार अनुरोध किया पर ठोस पहल नहीं हुई। डॉक्टरों की लापरवाही की सजा व जुर्माने का प्रविधान है, लेकिन लोग उसके बजाय खुद कानून हाथ में लेते हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकार भी बिहार चिकित्सकीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा कानून 2011 में एपिडेमिक डिजीज संशोधित एक्ट 2020 के प्रविधानों को शामिल करने पर कोई निर्णय नहीं ले रही है।
आइजीआइएमएस में चल रहा डॉक्टर का इलाज
पूर्णिया के सर्जन डॉ. राकेश पासवान के क्लीनिक में रोगी की मौत के बाद उसके स्वजन ने उनपर हमला किया। डाक्टर को इतनी गंभीर चोटें आईं कि उन्हें पटना के आइजीआइएमएस में भर्ती कराया गया है। आइएमए ने इस घटना का वीडियो भी जारी किया है। इसमें सर्जन की हालत गंभीर दिख रही है। आइएमए का आरोप है कि पुलिस की उपस्थिति में रोगी के स्वजन चार घंटे तक डॉक्टर को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।