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पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार में लालू एवं तेजस्वी यादव को एक के बाद एक झटके लगते जा रहे हैं। अशफाक करीम के बाद वृषिण पटेल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व मंत्री एवं आरजेडी के अध्यक्ष वृषिण पटेल ने अपना इस्तीफा पत्र बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह को भेजा है। उन्होंने आरोप लगाए कि आरजेडी में अब लोकतंत्र नहीं बचा है। साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव और सामाजिक न्याय से भी पार्टी का मोहभंग हो रहा है। इससे दुखी होकर वह पार्टी छोड़ रहे हैं। इससे पहले अशफाक करीम ने आरजेडी से इस्तीफा दिया, वे शनिवार को नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में भी शामिल हो गए।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वृषिण पटेल वैशाली लोकसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे। आरजेडी ने इस बार बाहुबली मुन्ना शुक्ला को यहां से कैंडिडेट बनाया है। इसी से नाराज होकर वृषिण ने आरजेडी को अलविदा कहा है। उनके जेडीयू ज्वाइन करने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। आरजेडी से पहले वे जनता दल, जेडीयू और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा में रह चुके हैं। इसके अलावा नीतीश सरकार में मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।
वृषिण पटले आरजेडी के सीनियर नेताओं में से एक थे। 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने हम छोड़ आरजेडी ज्वाइन की थी। लालू यादव ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया। आरजेडी में टिकट की घोषणा होने के बाद नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। हाल ही में कटिहार से लोकसभा का टिकट मांग रहे अशफाक करीम ने भी आरजेडी से इस्तीफा दिया। कटिहार सीट इस बार कांग्रेस के खाते में गई है। अशफाक करीम ने शनिवार शाम पटना में मंत्री विजय चौधरी की मौजूदगी में जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की।