मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में सरकारी महकमे की लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के डीएम और सिविल सर्जन को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। मामला एक नवजात के डेड बॉडी को कुत्तों द्वारा निवाला बनाए जाने का है। बिहार के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल एसकेएमसीएच में इसी साल 15 जनवरी को कुत्तों ने एक नवजात के शव को अपना निवाला बना लिया था। उसका वीडियो सोशल मीडिया वायरल होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन या जिला प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया। मानवाधिकार आयोग में मामला उठाए जाने के बाद कार्रवाई की गई है। अधिकारियों से आठ सप्ताह में रिपोर्ट की मांग की गयी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी मामला सुनवाई पर है.
पिछले 15 जनवरी को मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में एक नवजात शिशु को एक कुत्ता द्वारा नोच-नोचकर खाया जा रहा था। कुत्ता घंटों शव को नोचता रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन या पुलिस की ओर से कोई पहल नहीं हुई। यहाँ तक कि अस्पताल के गार्ड भी तमाशबीन बने रहे। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामले के सम्बंध में याचिका दायर की थी।
लापरवाही के इस मामले की गंभीरतापूर्वक जाँच करते हुए दोषियों पर कठोर-से-कठोर कार्रवाई की माँग अधिवक्ता की ओर की थी। अब मामले में बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए जिले के जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया है और दोनों से 8 सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन की माँग की है।
मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को पटना में होगी। एस.के.एम.सी.एच. प्रशासन की लापरवाही के कारण ही ऐसी घटना घटित हुई। ऐसी घटनाये हमारी समुची स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है। मामले की गंभीरतापूर्वक जाँच करने व दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की नितांत आवश्यकता है। विद्वान अधिवक्ता विजय कुमार शाही ने कहा कि मुजफ्फरपुर और आस पास के जिलों से ऐसा तस्वीरें आती रहती हैं कि नवजात के शवों को कचड़े के ढेड़ पर डाल दिया जाता है जहां कई बार उन्हें अंतिम संस्कार भी मयस्सर नहीं होता और जानवर उन्हें निवाला बना लेते हैं।