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मुंबई। महाराष्ट्र में अजब-गजब सियासत चल रही है. यहां राज्य की महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार का शिवसेना (Shiva Sena) चला रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस उसे (Congress) समर्थन दे रही हैं. लेकिन औरंगाबाद (Aurangabad) में इसी शिवसेना ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हाथ मिला लिया, ताकि कांग्रेस को हराया जा सके.
मामला औरंगाबाद की दुग्ध उत्पादक समिति (Milk Producer’s Society of Aurangabad) के चुनाव का है. अपने आप प्रतिष्ठित समझी जाने वाली इस समिति की 14 सीटों के लिए इसी रविवार को चुनाव हुए हैं. इनमें से 6 सीटें जिस पैनल ने जीती हैं, उसे भाजपा के साथ-साथ शिवसेना का भी समर्थन हासिल है. इसके बाद समिति के अध्यक्ष पद पर हरिभाऊ बागड़े की ताजपोशी तय हो गई है. हरिभाऊ भाजपा (BJP) के नेता हैं. पूर्व में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं.
बागड़े ने खुद भी चुनाव लड़ा था. उन्हें भी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुरेश पठाड़े के 65 मतों की तुलना में 275 वोटों से जीत हासिल हुई है. ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को इन चुनावों में पटखनी देने के लिए बागड़े की अगुआई वाले पैनल को शिवसेना (Shiva Sena) विधायक अब्दुल सत्तार ने भी समर्थन दिया है. सत्तार राज्य सरकार में मंत्री भी हैं.
यहां दो विरोधाभासी लेकिन दिलचस्प चीजों को भी याद किया जा सकता है. पहला- अब्दुल सत्तार का बयान, जो उन्होंने पिछले दिनों दिया था. इसमें उन्होंने संकेत दिया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा फिर साथ आ सकती हैं. दूसरा- शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का बयान, जो उन्होंने इसी रविवार को दिया है. शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे (Shiva Sena Founder Bal Thackeray) की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उद्धव ने शिवसैनिकों को संबोधित करते हुआ कहा था, ‘भाजपा (BJP) की नीति सहयोगियों का ‘इस्तेमाल करो और छोड़ दो’ वाली है. शिवसेना ने उसके साथ गठबंधन कर के अपने 25 साल बर्बाद कर दिए.’