मुजफ्फरनगर। जिले में परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते कुल 731 में से बिना फिटनेस के 231 स्कूली बसें सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। यह हालत तब हैं, जब दो माह पहले ही दो स्कूलों की दो बसों में टक्कर होने पर दो सगे भाई-बहन की मौत हो गई थी। इतने बड़े हादसे के बाद भी जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। बल्कि ऐसे वाहनों की तरफ से आंख बंद कर बैठ गए और बिना फिटनेस वाली बसें हादसों को न्यौता देती इधर से उधर दौड़ रही हैं।
ये हुए हादसे
18 फरवरी को मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली क्षेत्र में शाहपुर मार्ग पर बुढ़ाना मोड़ के नजदीक कोहरे के कारण रविंद्रनाथ वर्ल्ड स्कूल और जीडी गोयनका की स्कूल बस में आमने-सामने टक्कर हो गई थी। हादसे में जीडी गोयनका स्कूल में पढ़ने वाले दधेडू निवासी सगे भाई-बहन महा अख्तर (7) और समीर अख्तर (15) पुत्र सलीम की मौत हो गई। दोनों बसों के चालकों, एक बस की परिचायिका सहित पांच छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं। 11 फरवरी 2019 को खतौली क्षेत्र में एक स्कूल की बस नहर में गिर गई थी। बस में उस समय बच्चें नहीं थे।
हादसे के बाद लापरवाही आई थी सामने
रविंद्रनाथ वर्ल्ड स्कूल की जिस बस संख्या एचआर 55जे-1803 से हादसा हुआ था, उसकी फिटनेस 22 जून, 2019 और बीमा 20 नवंबर 2019 तक ही वैध था।
बसों में स्पीड गवर्नर नहीं
नियमानुसार स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने के कार्य में लगी बसों में स्पीड गवर्नर जरूर होना चाहिए। लेकिन जिले में दौड़ रहीं अधिकांश स्कूली बसों में इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। फरवरी माह में बुढ़ाना मोड़ पर दो स्कूली बसों की भिड़ंत के समय एक बस में स्पीड गवर्नर नहीं होने की जानकारी बच्चों ने दी थी।