नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान करने का शनिवार को आग्रह करते हुए कहा कि अभी तक सब्सिडी प्रतिबद्धता भी नहीं पूरी की गई है. प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि बिजली उत्पादन एवं वितरण से जुड़ी कंपनियों का करीब 2.5 लाख करोड़ रुपया राज्यों के पास बकाया है. इसके साथ ही उन्होंने खेद जताया कि राज्य सरकारों ने अभी तक बिजली कंपनियों को 75,000 करोड़ रुपये की अपनी सब्सिडी प्रतिबद्धता भी पूरी नहीं की है.
उन्होंने ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य’ समारोह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली की किल्लत का दौर अब अतीत की बात हो गई है और बीते आठ वर्षों में करीब 1.70 लाख मेगावाट बिजली की अतिरिक्त क्षमता का सृजन हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘बिजली देश के विकास के लिए अनिवार्य है. देश को राष्ट्रनीति की जरूरत है न कि राजनीति की.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के चार-पांच अग्रणी देशों में से एक है. इसके अलावा भारत में दुनिया के कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए चार अलग-अलग दिशाओं में एक साथ काम किया गया – जेनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और कनेक्शन. इन्हीं सब प्रयासों का नतीजा है कि आज न सिर्फ देश के हर घर तक बिजली पहुंच रही है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा घंटे बिजली मिलने भी लगी है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत बड़े सोलर प्लांट लगाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगाने पर भी जोर दे रहा है. सरकार का जोर बिजली का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, बिजली की बचत करने पर भी है. बिजली बचाना यानि, भविष्य सजाना.’
इसके पहले उन्होंने तीन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना लगाई जाएगी, जबकि लेह और गुजरात में हरित हाइड्रोजन परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर नवीनीकृत वितरण क्षेत्र योजना और राष्ट्रीय सौर रूफटॉप पोर्टल की शुरुआत भी की.