नई दिल्ली। पहले टोल प्लाजा पर लंबी लाइन लगती थी, जिससे छुटकारा दिलाने के लिए फास्टैग की शुरूआत की गई थी। अब सरकार टोल लेने के लिए आधुनिक सिस्टम को डेवलप कर रही है, जिसमें नंबर प्लेट के जरिए ही टोल शुल्क कट जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार टोल प्लाजा को स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली से बदलने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चला रही है, जिससे वाहन मालिकों के बैंक खातों से शुल्क में कटौती हो सकेगी।
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा होगा लॉन्च
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि फास्टैग की शुरुआत के बाद, राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टोल आय में प्रति वर्ष 15,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। और अब हम ऑटोमोबाइल नंबर प्लेट तकनीक (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा) लॉन्च करने जा रहे हैं, जिसके द्वारा कोई टोल प्लाजा नहीं होगा। सीधे नंबर प्लेट के जरिए बैंक के खाते से टोल शुल्क कट जाएगा।
पिछले महीने गडकरी ने कहा था कि सरकार अब दो विकल्पों पर विचार कर रही है- एक सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से काटा जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट के जरिए होगा, जहां कैमरे द्वारा ऑटोमैटिक नंबर प्लेट स्कैन होकर पैसे कट जाएगा।
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन को सक्षम करने के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की परियोजना पर काम कर रही है। यह ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा के जरिए टैक्स कलेक्शन का काम करेगी। कुल मिलाकर सरकार का प्रयास लोगों को राहत देना है।