नई दिल्ली। सऊदी अरब जिसे दुनिया का सेंटर ऑफ इस्लाम भी कहा जाता है, वहां से हैलोवीन के रंग में रंगे लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आते ही एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है. दरअसल, कुछ सालों पहले तक सऊदी अरब में ऐसा कुछ करना किसी बड़े गुनाह से कम नहीं था. लेकिन मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के क्राउन प्रिंस बनने के बाद से ही सऊदी में इस्लामिक रिवाजों में मॉडर्न बदलाव की जो बात की जा रही थी, उस का सबूत इस साल का हैलोवीन है.
हालांकि, सऊदी अरब सरकार ने तो जोरों-शोरों से हैलोवीन मनाने की अनुमति दे दी, लेकिन सभी मुस्लिम लोगों को सऊदी सरकार का यह फैसला शायद ज्यादा अच्छा नहीं लगा. यही वजह थी कि सोशल मीडिया पर लोगों में हैलोवीन सेलिब्रेट करना हराम और हलाल का मुद्दा बन गया. काफी संख्या में लोगों ने इसे हराम करार दिया, यानी जो करना इस्लाम में पूरी तरह गलत है. वहीं काफी लोगों ने बचाव भी किया.
सऊदी में मनाए गए हैलोवीन को लेकर कुछ लोगों ने यह भी कहा कि सऊदी अरब सिर्फ ट्रेंड को फॉलो कर रहा है. कुछ लोगों ने इसे मोहम्मद बिन सलमान के राज में सऊदी अरब में हो रहे बड़े बदलाव का संकेत भी बताया.
ट्विटर पर एक यूजर ने कहा कि, ‘मैंने देखा कि इस साल काफी संख्या में मुस्लिम लोग हैलोवीन मना रहे हैं. एक मुस्लिम होने के नाते हैलोवीन मनाने पर प्रतिबंध है, अल्लाह हम सबको माफ करे.’
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि सऊदी अरब में अगर हैलोवीन मनाया जा रहा है तो इसका मतलब कयामत अब दूर नहीं है. यूजर ने कहा कि हमारे पैगंबर के पारंपरिक पोशाक को शैतानी मास्क के साथ पहना जा रहा है, यह कोई मजाक की चीज नहीं है.
एक अन्य यूजर ने कहा कि ये सऊदी अरब को क्या हो गया है ? यह लोग अब हैलोवीन मना रहे हैं ? जितना मुझे समझ है, यह इस्लाम में हराम है.
एक यूजर ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि इस्लाम क्या है, फिर तुम क्यों इस्लाम के खिलाफ जा रहे हो. सऊदी में हैलोवीन शुरू मत कीजिए और अल्लाह से डरिए.
एक यूजर ने कहा कि यह वाकई देखना दिलचस्प है कि एक पश्चिमी त्योहार को मिडिल ईस्ट के देशों में मनाया जा रहा है.
कोई भूत तो कोई चुड़ैल, सऊदी की सड़कों पर हर ओर ‘शैतान’
अपनी जिंदगी में सऊदी अरब की मक्का और मदीना मस्जिद आना दुनिया के हर एक मुस्लिम की ख्वाहिश होती है. कोई वहां हज करने पहुंचता है तो कोई उमराह के जरिए वहां जाकर ईश्वर की भक्ती में लीन होना चाहता है. जब लोग हज पर जाते हैं तो आखिरी दिनों में एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें तीन खंभों पर हज करने गए लोग पत्थर बरसाते हैं. इन खंभों को शैतान का रूप समझा जाता है.
हज से जुड़े इस रिवाज से साफ पता लग जाता है कि सऊदी अरब में शैतान को किस तरह से मान्यता दी जाती है. हैलोवीन भी शैतानी ताकतों से जुड़ा एक त्योहार है और इसी वजह से लोग भूत-प्रेत या अन्य तरह के डरावने लुक करके बाहर घूमते हैं. इसलिए हैलोवीन जैसा त्योहार किसी भी इस्लामिक राष्ट्र में मनाया जाना, मुस्लिम लोगों के लिए भी अजीब है.
हालांकि, सऊदी अरब में नजारा इस बार कुछ अलग ही देखने को मिला. राजधानी रियाध की बात करें तो कई इलाकों की सड़कों पर दूर-दूर तक शैतान के रूप में घूम रहे लोग नजर आए. कई लोगों ने तो सऊदी की पारंपरिक ड्रेस थ्रोब में ही डरावना लुक किया और पार्टी में शामिल हुए.
सऊदी अरब को लगातार बदल रहे मोहम्मद बिन सलमान
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ही सऊदी के इतिहास पहले ऐसे क्राउन प्रिंस हैं, जिन्होंने इस्लामिक राष्ट्र में इस तरह के बदलावों को बढ़ावा दिया. हालांकि, इसका रिएक्शन भी उन्हें मिलता है और काफी लोग इस बात की लगातार आलोचना भी करते हैं. इन्हीं आलोचनाओं के बीच ही सऊदी में चाहे महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत हो या पहला सिनेमा हॉल शुरू करना हो, या अब हैलोवीन मनाना, एमबीएस बदलाव के लिए लगातार फरमान जारी करते जा रहे हैं.