मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने दोस्त का अपहरण कर हत्या मामले दिल्ली पुलिस के जवान को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दिल्ली पुलिस के सिपाही ने उधार लिए 2 लाख रुपए वापस न देने के इरादे से दोस्त का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। और शव को गायब कर दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी, मनोज ठाकुर तथा ललित भारद्वाज ने बताया कि भौरा खुर्द निवासी प्रदीप पुत्र जयपाल सिंह दिल्ली पुलिस में सिपाही है। जिसकी दोस्ती गांव के ही जयवीर सिंह पुत्र जयसिंह निवासी भौराखुर्द थाना भौराकला से थी। दिल्ली पुलिस के जवान प्रदीप ने अपने दोस्त जयवीर सिंह से दिल्ली में जमीन दिलाने के लिए 2 लाख रुपए लिए थे।
जिसके एवज में उसे सफेद रंग की एक मारुती कार भी दी हुई थी। प्रदीप ने जमीन दिलाने के बहाने से जयवीर सिंह को दिल्ली बुलाया था। जयवीर सिंह 15 अक्टूबर 2008 को सुबह यह बात अपने भाई सोहनवीर को बताकर घर से निकला था।
16 अक्टूबर को प्रदीप ने जयवीर सिंह से उसके भतीजे चन्द्र प्रकाश की फोन पर बात कराई थी। जिसमें उसने जल्द ही घर लौटने की जानकारी दी थी। लेकिन कई बार जयवीर तथा प्रदीप से फोन पर बातचीत होने के बावजूद वे लोग घर नहीं पहुंचे थे और गायब हो गए थे।
भौराखुर्द स्थित घर से दिल्ली के लिए निकलने के कुछ दिन बाद 30 अक्टूबर 2008 को जयवीर सिंह के वापस न लौटने से आशंकित उसके भाई सोहनवीर ने प्रदीप तथा एक अन्य बिट्टु के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके उपरांत पुलिस ने प्रदीप तथा बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने पूछताछ कर प्रदीप से जयवीर सिंह के बारे में जानकारी ली थी।
जिसके उपरांत प्रदीप ने एक स्थान से जयवीर सिंह की सफेद रंग की मारुती कार तथा उसके कपड़े व अन्य कागजात बरामद कराए थे। लेकिन जयवीर सिंह का शव पुलिस बरामद नही कर सकी थी। इस मामले में पुलिस ने प्रदीप तथा बिट्टू के विरुद्ध अपहरण कर जयवीर सिंह की हत्या करने के मामले में जांच कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी तथा ललित भारद्वाज ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक के जज जयसिंह पुंडीर ने की। उन्होंने बताया कि अभियोजन ने इस मामले में कोर्ट में 5 गवाह पेश किए।
उन्होंने बताया कि पेश सुबूत तथा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एडीजे प्रथम जय सिंह पुंडीर ने अपहरण तथा हत्या के मामले में आरोपित दिल्ली पुलिस के जवान प्रदीप पुत्र जयपाल निवासी भौरा खुर्द थाना भोराकला को दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने प्रदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर कोर्ट ने 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपित बिट्टू की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। इस मामले में वादी की और से अधिवक्ता अजय सहरावत ने पैरवी की। हत्याकांड में आरोपित काे सजा दिलाने में पुलिस मानीटरिंग सेल की विशेष भूमिका रही।