गैंगरेप करके लाशें पेड पर लटकाई, फिर घर जाकर सो गये ये राक्षस, आधी रात को…

After gang-raping the dead bodies were hung on the tree, then these demons went home and slept, at midnight...
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लखीमपुर। लखीमपुर में दो दलित बहनों की रेप के बाद हत्या कर दी गई। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। इसके मुताबिक पहले लड़कियों को गला दबाकर मारा गया, फिर शव को पेड़ पर लटका दिया गया।

पुलिस के मुताबिक यह वारदात बुधवार शाम 4 से 5 के बीच की है। हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने करीब 15 घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दैनिक भास्कर टीम ने जब पुलिस अधिकारियों से बात की तो उन्होंने आरोपियों का कबूलनामा बताया।

पुलिस के मुताबिक दोपहर 4 बजे के आसपास आरोपी जुनैद, सुहैल और हफीजुर्रहमान के साथ पीड़ित लड़कियों के घर पहुंचे। आरोपी लड़कियों को बहला-फुसला कर ले गए। परिवार वाले लड़कियों को ढूंढते रहे। तकरीबन शाम 5 बजे घर से लगभग 1 किमी दूर एक खेत में लड़कियों के शव पेड़ से लटके मिले। उसके बाद भीड़ लगनी शुरू हो गई। इधर, आरोपी गांव से निकल चुके थे। उन्होंने रास्ते में छोटू से मुलाकात की और घटना के बारे में बताया। घटना के बारे में जानने के बाद छोटू घर आ गया। हालांकि उसने किसी से कुछ बताया नहीं।

बुधवार शाम 6 बजे: पुलिस ने शवों को नीचे उतारा
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शवों को नीचे उतारा गया। इसके बाद जब पुलिस पंचनामा की कार्रवाई करने लगी, तो ग्रामीणों ने रोड जाम कर दिया। पुलिस के मुताबिक इस रोड जाम में छोटू कहीं नहीं दिखा। इधर, मामला बिगड़ता चला जा रहा था। स्थानीय थाने के पुलिस अधिकारी मामले को संभाल नहीं पा रहे थे।

बुधवार शाम 7.30 बजे: 9 बजे तक लोग हंगामा करते रहे
मामले की जानकारी होने पर जिला मुख्यालय से अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिजनों से बातचीत की, लेकिन मामले का हल नहीं निकल पाया। रात 9 बजे तक जाम लगा रहा और लोग हंगामा करते रहे।

बुधवार रात 10.30 बजे: पुलिस ने पहले आरोपी को पकड़ा
सड़क पर धरने के दौरान लड़की के पिता ने पड़ोसी छोटू पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया। घटना में एक व्यक्ति का क्लू मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई। रात 10.30 बजे पुलिस ने छोटू को घर से उठा लिया। छोटू घर पर आराम से लेटा हुआ था। पुलिस ने छोटू से पूछताछ शुरू की। छोटी ने सारी बातें उगल दीं। छोटू ने ही आरापी जुनैद और सुहैल के नंबर पुलिस को उपलब्ध कराए।

बुधवार रात 11.30 बजे: आरोपी घर पहुंचे, खाना खाया, पकड़े बदले
आईजी लक्ष्मी सिंह धरनास्थल पर पहुंचीं। ग्रामीणों और परिवार वालों को समझाया। इस बीच सभी आरोपी अपने-अपने घर पहुंच चुके थे। उन्होंने आराम से घर में खाना खाया और कपड़े चेंज किए। पुलिस के अनुसार ये सभी आरोपी रात में फरार होने का प्लान बनाकर घर गए थे। सभी को रात को 12 बजे गांव के बाहर मिलना था।

रात 12.30 बजे: सुहैल, हफीजुर्रहमान और करीमुद्दीन पकड़े गए
पांचो आरोपी रात 12 बजे के आस-पास गांव के बाहर मिलने की बात फिक्स करके निकले थे। सुहैल अपनी बाइक से सबसे पहले गांव के बाहर पहुंचा, फिर हफीजुर्रहमान और करीमुद्दीन आ गए। ये लोग गांव छोड़ने के लिए अपने दोनों साथियों का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच रात करीब 12.30 बजे पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इनकी निशानदेही पर पुलिस ने रात को ही आरिफ को भी उठा लिया। इस बीच मौका पाकर जुनैद फरार हो गया। उधर, पुलिस और ग्रामीणों में समझौता होने के बाद रात को ही लड़कियों के शव पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिए गए। कार्रवाई के आश्वासन के बाद जाम भी खोल दिया गया।

गुरुवार सुबह 8 बजे: जुनैद एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार
छोटू समेत 4 आरोपी गिरफ्तार होने के बाद पुलिस मुख्य आरोपी जुनैद की तलाश में जुट गई। उसका मोबाइल भी सर्विंलांस पर था। गुरुवार सुबह करीब 4 बजे के आस-पास उसकी लोकेशन गांव के ही खेतों में मिली। पुलिस उसकी तलाश में गन्ने के खेतों में घुस गई। सुबह करीब आठ बजे जुनैद पुलिस को एक खेत में दिख गया। पुलिस के सामने आते ही जुनैद ने गोली चलाने की धमकी दी। पुलिस ने भी गोली चलाई, जो उसके पैर में लगी। इससे वह मौके पर गिर पड़ा। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों का कबूलनामा- रेप के बाद गला दबाया
एसपी लखीमपुर, संजीव सुमन के अनुसार सुहेल और जुनैद दोनों साथी हैं। छोटू ने दोनों लड़कियों से इनकी दोस्ती करवाई थी। बुधवार शाम को भी सुहैल और जुनैद अपने तीसरे साथी हफीजुर्रहमान के साथ बाइक से लड़कियों के घर पहुंचे। वो लड़कियों को बहलाकर ले गए। गांव के बाहर खेत में उन्होंने संबंध बनाए। इसके बाद लड़कियां शादी के लिए जिद करने लगीं। इस बात पर उनमें झगड़ा हुआ तो इन दोनों ने हफीजुर्रहमान के साथ मिलकर गला दबाकर उन्हें मार दिया। इसके बाद सुहैल और अन्य आरोपियों ने करीमुद्दीन और आरिफ को बुलाया, फिर सबने मिलकर लड़कियों को उन्हीं के दुपट्‌टे के सहारे पेड़ से लटका दिया।

आइए अब आपको पीड़िता के गांव ले चलते हैं…
भास्कर टीम गुरुवार सुबह जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर स्थित पीड़िता के गांव में पहुंची। यहां तनावपूर्ण माहौल है। गांव छावनी में तब्दील है। पुलिस ने गांव में एंट्री पॉइंट पर बैरिकेडिंग की है। हर आने-जाने वाले से पूछताछ हो रही है। भास्कर टीम को भी पूछताछ के बाद अंदर जाने की इजाजत मिली। जब हम आगे बढ़े तो गांव की शुरुआत में ही एक घर के सामने कुछ लोग इसी घटना के बा

रे में चर्चा कर रहे थे।
जब टीम उनके पास पहुंची तो सभी चुप हो गए। कोई भी सामने बात नहीं करना चाहता था। एक बुजुर्ग ने कहा कि आजकल के बच्चों में संस्कार नहीं रह गए हैं। इससे ज्यादा वह कुछ बोलना नहीं चाह रहे थे। हालांकि, इशारों में उन्होंने पीड़ित के घर का रास्ता बता दिया।

गांववालों ने कहा- महिला की चीख सुनकर हम मौके पर पहुंचे
पीड़ित लड़कियों का घर गांव के बाहर है। इनके घर जाते वक्त हमारी मुलाकात हैंडपंप पर खड़े राम सूरत खड़े थे। धीरे-धीरे उनसे बातचीत शुरू हुई। हमारा परिचय पूछते हुए राम सूरत ने पूरी घटना बतानी शुरू की। राम सूरत ने कहा, “बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हम खेत से काम करके लौटे थे, खाना खाने के बाद मैं घर के बाहर चारपाई पर बैठा था। इसी बीच लड़कियों की मां बहुत तेजी से चीखने लगी। हम लोग मौके पर पहुंचे तो बताया कि कुछ लोग बेटियों को उठाकर ले गए हैं।

वो बाइक से थे और घर से थोड़ी दूरी पर सड़क की तरफ गए हैं। थोड़ी देर में और गांव वाले इकट्‌ठा हो गए। लड़कियों का पिता घर पर नहीं था। हम लोग उनको ढूंढने के लिए सड़क की तरफ निकले, लेकिन कुछ पता नहीं चला, शाम को 5 बजे के करीब हम लोग ढूंढते हुए गन्ने के खेत को पार करते हुए करीब 300 मीटर दूर अजय सिंह के खेत में पहुंचे। वहां दोनों के शव पेड़ पर लटके हुए मिले। इसके बाद पुलिस को सूचना दी, पुलिस ने शव को पेड़ से उतरवाया।”

मां बोली- जैसे मेरी बेटी को लटकाया, इन्हें भी फांसी मिले
जब हम घर पहुंचे तो चारों ओर से महिलाएं उनकी मां को घेरे हुए बैठी थीं। बात-बात पर वह रोने लगतीं तो महिलाएं उन्हें सांत्वना देतीं। घर के बाहर भी पुलिस और मीडिया का जमावड़ा था।

मां ने कहा, ‘जिस तरह से मेरी बेटियों को फांसी पर लटकाया है। उसी तरह से आरोपियों को भी फांसी पर लटकाया जाए। दरिंदों ने मेरी बेटी को तड़पा-तड़पाकर मारा है। उसी तरह से इनको भी मौत मिले। वो मेरी आंखों के सामने बेटियों को बाइक पर बैठाकर ले गए थे। मैं उन्हें रोकने के लिए दौड़ी तो मुझे लात मार दी थी।’