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कटिहार. बिहार में शिक्षा क्षेत्र के विकास के मद में करोड़ों रुपये की राशि सालाना खर्च की जाती है. इसका उद्देश्य नौनिहालों को बेहतर मूलभूत सुविधाओं के साथ अच्छी शिक्षा प्रदान करना है, ताकि अच्छे भविष्य का निर्माण हो सके. इसके बावजूद बिहार के कटिहार जिले से प्राथमिक शिक्षा की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर बदहाल शिक्षा व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में एक ही कमरे में 1 से लेकर 5 तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. एक ही क्लासरूम में हिन्दी और उर्दू भाषाओं की कक्षाएं लगती हैं. इतना नहीं है हद तो यह है कि एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक ही समय में हिन्दी और उर्दू के शिक्षक छात्रों को दोनों भाषाओं में पढ़ाते हैं. हिन्दी भाषी छात्र एक तो उर्दू भाषा के छात्र ब्लैकबोर्ड के दूसरी तरफ देखते हैं.
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त और बच्चों का भविष्य बेहतर करने के लिए हर दिन सुविधाओं का विस्तार करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन कटिहार से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे जान और सुनकर कर आप हैरान रह जाएंगे. जिले के मनिहारी प्रखंड में स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय के एक ही कमरे में एक से लेकर पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं. इससे भी बड़ी ताज्जुब की बात यह है कि एक ही ब्लैकबोर्ड पर एक ही समय में दो शिक्षक उर्दू और हिंदी भाषा में पढ़ाते हैं.
वर्षों से क्लासरूम की समस्या
मनिहारी प्रखंड के उर्दू प्राथमिक विद्यालय को साल 2017 में विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला में शिफ्ट कर दिया गया था. तब से क्लासरूम की यह परेशानी बरकरार है. विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला की शिक्षिका नीलम कुमारी बताती हैं कि पहले से ही उनलोगों के पास कमरों की कमी था, ऐसे में प्रशासनिक आदेश के बाद कक्षा 1 से लेकर 5 तक के लिए सिर्फ एक ही कमरा दिया जा सका था. उस वक्त से लेकर आज तक एक ही कमरे में पांचवीं कक्षा तक की कक्षाए संचालित हो रही हैं.