बिहार में स्कूल खुलने पर बड़ी खबर, कल से राज्य के खुलेंगे 80 हजार स्कूलv

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पटना: बिहार के प्रारंभिक स्कूल रविवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बच्चों के लिए खुल जायेंगे। इस दिन बच्चे स्कूल आयेंगे, झंडोत्तोलन में शामिल होंगे, जलेबी खायेंगे और सोमवार 16 अगस्त से स्कूल पहुंचकर पढ़ाई करेंगे। 133 दिन बाद स्कूल खोलने को लेकर पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों में खासा उत्साह है। विद्यालय प्रबंधन ने भी स्कूलों के संचालन को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। स्कूल परिसर, बेंच-डेस्क आदि सेनेटाइज किये गये हैं। हालांकि राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों के बच्चों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बाढ़ के पानी से घिरे स्कूलों या बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल प्रारंभिक स्कूलों का संचालन मुमकिन नहीं है।

गौरतलब है कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए 5 अप्रैल से राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि बंद कर दिए गये थे। 12 जुलाई से दसवीं के ऊपर के स्कूल और कॉलेज खुले थे, 7 अगस्त से 9वीं-दसवीं के स्कूल और कोचिंग संस्थान खुले थे। अब करीब 80 हजार प्रारंभिक स्कूल सोमवार से खुलने जा रहे हैं। इनमें से 72 हजार सरकारी प्रारंभिक स्कूल हैं, जिनमें 29 हजार मिडिल स्कूल हैं जबकि 43 हजार प्राइमरी। सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में करीब पौने दो करोड़ बच्चे नामांकित हैं।

हर बच्चा एक दिन बीच करके जाएगा स्कूल, नियमित पहनना होगा मास्क
प्रारंभिक स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने अलग से कोई गाइडलाइन तो जारी नहीं किया है लेकिन 9वीं से 12वीं के स्कूलों में लागू सभी कोविड-प्रोटोकॉल का यहां भी पालन जिलों को करना है। इसके मुताबिक हर बच्चा एक दिन बीच कर विद्यालय आयेगा। अर्थात आधी क्षमता के साथ ही स्कूल संचालित होंगे। दो बच्चों के बैठने की जगह में छह फीट की दूरी होगी। बच्चों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सामूहिक एसेम्बली नहीं होगी।

उधर, सरकारी प्रारंभिक स्कूलों से इतर बड़े निजी स्कूलों में इसको लेकर बहुत उत्साह नहीं है। ऐसे निजी स्कूल अभी बच्चों को बुलाने के मूड में नहीं दिख रहे। राजधानी पटना के ही कई नामचीन स्कूलों का अभी ‘वेट एंड वॉच’ को प्रश्रय देते हुए ऑनलाइन कक्षा चलाते रहने पर ही बल है। ये स्कूल कुछ वक्त ले सकते हैं।

कक्षाएं तय समय तक चलें, नियमित निरीक्षण करें अधिकारी : मंत्री
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सभी जिलाधिकारियों व जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी स्कूल नियमित संचालित हों। विद्यालयों की कक्षाएं पूरे तय समय तक चलें, सभी घंटियां हों, इसे सुनिश्चित करें। 16 अगस्त से प्रारंभिक स्कूलों को खोले जाने को लेकर शिक्षा मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा की। उनकी अध्यक्षता में शनिवार को दोपहर 1 बजे से करीब सवा घंटे तक चली इस बैठक में मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के अलावा प्राथमिक और माध्यमिक निदेशक भी मौजूद रहे।

बैठक में शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्रारंभिक कक्षाएं सुबह 9 से 3 बजे तक जबकि माध्यमिक-उच्च माध्यमिक की पढ़ाई 9.30 से 4 बजे तक संचालित की जाएं। डीईओ, डीपीओ समेत सभी क्षेत्रीय अधिकारी सप्ताह में दो से तीन दिन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। वे एक क्षेत्र के कम से कम तीन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और स्कूल में कम से कम एक घंटा बितायेंगे। शिक्षक कैसे पढ़ा रहे हैं इसे भी देखेंगे और इसकी रिपोर्ट करेंगे। मंत्री ने आग्रह किया कि सभी डीएम मासिक समीक्षा बैठक में स्कूलों के निरीक्षण को भी शामिल करें। मुख्यालय के पदाधिकारी किसी भी दिन क्षेत्र में जाकर विद्यालय निरीक्षण की हकीकत की जांच कर सकते हैं।

शिक्षा मंत्री ने लगातार स्कूल बंद रहने और पढ़ाई की क्षति के मद्देनजर कहा कि शिक्षक अपना शत प्रतिशत अध्यापन कार्य में लगाएं। डीईओ को निर्देश दिया गया कि वे ध्यान रखें कि शिक्षकों को वेतन भुगतान, विसंगति, बकाया राशि, प्रोन्नति आदि के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े। शिक्षक व कर्मचारी अनिवार्य रूप से कोरोना टीका का दोनों डोज लें, इसे भी सुनिश्चत करें।