लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। 40 सीटों वाले राज्य में 19 अप्रैल को मतदान शुरू हुआ। चुनाव लड़ने वाली मुख्य पार्टियों में NDA गठबंधन शामिल है, जिसमें बीजेपी और JDU फिर से एकजुट हो गए हैं और दूसरी तरफ I.N.D.I.A. गुट है, जिसमें RJD और कांग्रेस शामिल हैं। आइए एक नजर डालते हैं, बिहार की उन सीट और बड़े उम्मीदवारों पर, जहां तीसरे चरण में मतदान होगा।
मधेपुरा: बाढ़ग्रस्त कोसी नदी घाटी में स्थित यह सीट परंपरागत रूप से यादवों का गढ़ रही है। द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग या मंडल आयोग की अध्यक्षता करने वाले बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने 1968 और 1977 में सीट जीती। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और पप्पू (राजेश रंजन) यादव इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में, RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने पटना कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप यादव को मैदान में उतारा।
वह मधेपुरा के पूर्व सांसद रमेंद्र कुमार यादव के बेटे हैं, जो 1989 में जनता दल के टिकट पर इस सीट से जीते थे। मुख्य मुकाबला JDU नेता और मौजूदा सांसद दिनेश चंद्र यादव और RJD के कुमार चंद्रदीप के बीच है। 2019 के चुनाव में दिनेश चंद्र यादव ने कुल 6,24,334 वोट हासिल कर इस सीट से जीत हासिल की थी।
अररिया: अररिया सीट से बीजेपी से प्रदीप कुमार सिंह और RJD से मोहम्मद शाहनवाज आलम मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में, बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप सिंह ने 6,18,434 वोट हासिल किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी RJD के सरफराज आलम को पछाड़ दिया। वहीं, सरफराज को 4,81,193 वोट मिले।
झंझारपुर: कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर सुमन कुमार महासेठ (विकासशील इंसान पार्टी) और रामप्रीत मंडल (JDU-NDA) के बीच सीधा मुकाबला है। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में इस निर्वाचन क्षेत्र ने बीजेपी और JDU का पक्ष लिया है। JDU के NDA का हिस्सा नहीं होने के बावजूद 2014 में बीजेपी के बीरेंद्र चौधरी जीतने में कामयाब रहे।
सुपौल में RJD के चंद्रहास चौपाल और JDU के दिलेश्वर कामैत आमने-सामने होंगे। उधर, खगड़िया में LJP के राजेश वर्मा का मुकाबला CPI(M) के संजय कुमार से है। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।