टूटती सांसों को ऑक्सीजन की दरकार, सप्लाई में ये कंपनियां बन रहीं मददगार

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नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में टूट रहीं सांसों को ऑक्सीजन देने के लिए सरकार ही नहीं अब निजी कंपनियां भी आगे आ गई हैं। रायगढ़ से गुरुग्राम और अमेरिका से देश के कई शहरों में ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू बनाने की जद्दोजहद में अमेरिकी व्यापार समूह से लेकर जेएसपीएल, इफको, टाटा समेत अन्य इस्पात कंपनियां, तेल कंपनियां भी जुट गई हैं।

भारत केन्द्रित एक अमेरिकी व्यापार समूह ने रविवार को कहा कि उसने भारत के लिए एक लाख हल्के ऑक्सीजन Concentric का आर्डर दिया है। वह नई दिल्ली और अन्य शहरों के लिए विमान से ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने पर काम कर रहा है। अमेरिका-भारत के बीच व्यापार वकालत करने वाले इस समूह ने यह भी कहा है कि वह सीधे कंपनियों से टीका लेकर भारत को भेज रहा है। यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एण्ड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) नामक इस व्यापार समूह के अध्यक्ष एवं सीईओ मुकेश अघी ने कहा, ”महामारी से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिये हर मोर्चे पर एकजुट प्रयास करने की जरूरत है। यह समय है, जब व्यापपक आवश्यकताएं हैं और चारों तरफ से संसाधन जुटाने की आवश्यकता है।

जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल ने रविवार को कहा कि उनके छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित इस्पात कारखाने से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन से भरा टैंकर रविवार को गुरुग्राम के मेदांता हास्पिटल पहुंच गया। जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन ने एक ट्वीट कर कहा, ”जेएसपीएल कंपनी के रायगढ़ से भेजा गया लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर, गुरुग्राम स्थित मेदांता हास्पिटल पहुंच गया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि रविवार को सुबह होने से पहले ही 16 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन लेकर एक टैंकर जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट से दिल्ली के बतरा अस्पताल पहुंच गया।

उर्वरक सहकारिता संस्था इफको ने रविवार को कहा कि उसका तीसरा ऑक्सीजन प्लांट 30 मई तक परिचालन में आएगा। यह प्लांट उत्तर प्रदेश के फूलपुर में लगाया जा रहा है। यह प्लांट राज्य और आसपास के क्षेत्रों के अस्पतालों को मुफ्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा। इफको देश में 30 करोड़ रुपये की लागत से चार ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। इनमें उत्तर प्रदेश में दो प्लांट -बरेली के आंवला और प्रयागराज के फूलपुर में लगाए जा रहे हैं। एक-एक प्लांट ओडिशा के पारादीप और गुजरात के कलोल में लगाया जा रहा है।

देश में कोराना वायरस की दूसरी लहर चलने के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अपने प्लांटों से 965 टन ऑक्सीजन को चिकित्सा जरूरत के लिये भेज रही हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को यह कहा। मंत्रालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवसथा को मजबूत बनाने की देश की जरूरत को पूरा करने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आपूर्ति श्रृंखला में जो अनदेखे स्थान रह गए उनकी कमी को दूर किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा, ”पेट्रोलियम क्षेत्र वर्तमान में रोजाना 965 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। तेल कंपनियों की रिफाइनरियों और प्लांटों ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिये अपनी जरूरतों को कम करते हुये चिकित्सा क्षेत्र में काम आने वाले तरल ऑक्सीजन का अधिक से अधिक उत्पादन करना शुरू कर दिया है।