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देहरादून। देशभर में चुनावी सरगर्मी शुरू हो चुकी है और भाजपा को मात देने के लिए विपक्षी दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में अलग ही बिसात बिछ गई है और पहली नजर में तो इस बिसात में खुद विपक्षी दल फंसते नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में पांच सीटों पर मतदान होगा और यहां बुधवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था।
बसपा ऐसे बिगाड़ेगी खेल
उत्तराखंड में मुख्य मुकाबला भले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है, लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 5 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। प्रदेश में इससे पहले हुए सभी लोकसभा चुनाव में बसपा को कभी कोई सीट नहीं मिली है, लेकिन बसपा प्रत्याशियों ने दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत का समीकरण को जरूर प्रभावित किया।
जब से उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है, तब से मत प्रतिशत और सीटों के हिसाब से बसपा तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही है। साल 2002 में जब राज्य गठन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे तो भाजपा और कांग्रेस के अलावा सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शन बसपा ने ही किया था और 7 सीटों पर जीत दर्ज की और 10.79 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। इसके बाद जब 2004 में लोकसभा चुनाव हुए थे तो बसपा को 6.77 प्रतिशत मत मिले, लेकिन 1 भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली थी।
बसपा को लोकसभा चुनाव में मिला मत प्रतिशत
2004 – 6.8 प्रतिशत
2009 – 15.2 प्रतिशत
2014 – 4.8 प्रतिशत
2019 – 5.3 प्रतिशत
बसपा ने साल 2009 में भी उतारे थे 5 प्रत्याशी
इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा ने सभी 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। यहां टिहरी गढ़वाल सीट पर कांग्रेस ने भाजपा पर 52 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इस सीट पर बसपा को 74 हजार मत मिले थे। कांग्रेस ने भाजपा पर 17 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की। बसपा प्रत्याशी को 34 हजार से अधिक वोट मिले थे। इस त्रिकोणीय मुकाबले में बसपा ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था।
हरिद्वार सीट पर भी बिगाड़ा था समीकरण
हरिद्वार सीट पर कांग्रेस ने भाजपा पर 1.27 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को 1.81 लाख वोट मिले थे। नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को 88 हजार मतों से हराया। इस सीट पर बसपा कैंडिडेट को 1.43 लाख वोट मिले थे। इसी तरह अल्मोड़ा सीट की बात की जाए तो कांग्रेस ने भाजपा को लगभग 7000 मतों से हराया। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को 44 हजार से अधिक वोट मिले थे।