मध्यप्रदेश में 9 दिन पहले बजट सत्र खत्म, कांग्रेस ने सदन में किया विरोध

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जबलपुर | MP Assembly Budget Session 2022: मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session of MP Assembly) निर्धारित समय से 9 दिन पहले खत्म हो गया. बजट सत्र के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गई. आज सारे विधायी कामकाज निपटा कर विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) गिरीश गौतम (Girish Gautam) ने हंगामे के बीच आनन फानन सत्र समाप्त करने का एलान कर दिया. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 25 मार्च तक चलना था, मगर समय से 9 दिन पहले समाप्त कर दिया गया. कांग्रेसी विधायकों ने इसे मुद्दा बनाकर जमकर हंगामा किया. कांग्रेस विधायक सुरेश राजे और मनोज चावला आसंदी के सामने लेट गए. कांग्रेस के दूसरे विधायकों ने भी आसंदी के सामने नारेबाजी की.

समय से पहले बजट सत्र समाप्त
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेसी विधायक तरुण भनोत ने कहा कि शिवराज सरकार सच का सामना करने से डरती है. इसलिए बिना चर्चा के बजट पारित कर विधानसभा का सत्र स्थगित करवा लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार सिर्फ कर्ज लेकर प्रदेश को कंगाल कर रही है और जनता को कर्ज के बोझ से लाद रही है. भनोत ने कहा कि पिछले बजट की तमाम योजनाएं कागज से बाहर नहीं आ पाई थीं और इस बार भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कागजी बजट बनाया है. गौरतलब है कि कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पटवारी को नोटिस जारी किया.

कांग्रेस ने नोटिस मिलने का मुद्दा सदन में उठाते हुए विरोध दर्ज कराने के बाद वॉकआउट कर दिया. कांग्रेस ने कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताया है. एक दिन पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट करते हुए नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की सदन में गैर मौजूदगी पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, “विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी सदन में नहीं आने की बात कहकर कमलनाथ जी लोकतंत्र का‌ मखौल उड़ा रहे हैं. सदन का बहिष्कार करना और हंगामा करना कांग्रेस ‌के दिवालियापन का संकेत है. असल में कांग्रेस का सूरज अब अस्ताचल की ओर है.”

सत्र में होनी थी कुल 13 बैठकें
पूर्व में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 7 मार्च को सुबह 11 बजे राज्यपाल मंगभाई का अभिभाषण से बजट सत्र शुरू हुआ था. राज्यपाल के अभिभाषण पर कांग्रेस की ओर से दिए गए बयानों के कारण गतिरोध की स्थिति बन गई. सत्ता पक्ष और विपक्ष में जारी गतिरोध के बीच 9 और 10 मार्च को चर्चा हुई. बजट सत्र में कुल 13 बैठकें निर्धारित की गई थीं. 18 मार्च को होली और 22 मार्च को रंगपंचमी पर प्रदेश में अवकाश रखा गया था.