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लंपी वायरस आपने इस शब्द के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये क्या है? नहीं तो चलिए हम बताते हैं. ये पशुओं और मवेशियों को होता है. यह एक तरह की स्किन की बीमारी होती है, जिसमें गाय या भैंस के स्किन में गांठें पड़ जाती है जो नजर आने लगती हैं.
आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या होता है लंपी वायरस-
साल 2019 में लंपी वायरस के खूब केस सुनने को मिले थे. ये एक तरह का त्वचा का एक रोग है. ये गायों और भैसों को प्रभावित करता है. इसमें गाय की स्किन पर गांठदार या ढेलेदार दाने बन जाते हैं. खासकर ये गाठें सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास होती हैं. धीरे-धीरे ये गांठे बड़ी होने लगती हैं और घाव बना देती हैं. इसे मेडिकल की भाषा में एलएसडीवी कहते हैं.
लक्षण –
-पशु को बुखार आना
-वजन में कमी
-आंखों से पानी टपकना
-लार बहना
-शरीर पर दाने निकलना
-दूध कम देना
-भूख नहीं लगाना
-शरीर पर 10-50 मिमी गोलाई वाली गांठ निकलना
क्या फैलता है ये रोग?
हां ये एक जानवर से दूसरे में फैलता है. यह कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण ही फैलता है. ऐसे में गायों के बच्चों को उनसे दूर रखना चाहिए. संक्रमित गाय के दूध के सेवन से बछड़ा या बछिया भी इस बीमारी का शिकार हो सकती है. हालांकि अभी तक इंसानों में इसके फैलने के केस सामने नहीं आए हैं, लेकिन इससे पीड़ित पशुओं का दूध कच्चा न पिएं. दूध को कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह उबालना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद बैक्टीरिया काफी हद तक खत्म हो सकें.
ऐसे करें बचाव-
-प्रभावित पशुओं को अलग रखें
-मक्खी,मच्छर,जूं आदि को मार दें
-पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें
-कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें
-दूसरे पशुओं को उससे अलग रखें.
-पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं