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रायपुर। प्रदेश की करीब महीनेभर पुरानी विष्णुदेव साय सरकार ने पहली बार 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। सरकार ने 1000-1000 करोड़ के दो पार्ट में यह कर्ज 8 और 9 साल के लिए लिया है। सरकार को यह पैसा क्रमश: 7.68 और 7.67 प्रतिशत ब्याज पर मिला है।अफसरों ने बताया कि वित्त विभाग ने 2 हजार करोड़ के कर्ज के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में आवेदन किया था। आरबीआई ने छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से मिले कर्ज के आवेदन पर बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव मांगा था। बैंकों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर आज इसे अंतिम रुप दिया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कर्ज बड़ा मुद्दा रहा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली राज्य की नई भाजपा सरकार को कर्ज का बड़ा बोझ विरासत में मिला है। दिसंबर में हुए राज्य विधानसभा के पहले सत्र के दौरान सीएम विष्णुदेव साय ने बताया था कि राज्य सरकार पर 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इसमें करीब 50 हजार करोड़ का कर्ज 2018 से 2023 के बीच कांग्रेस ने ली है।
राज्य का कर्ज लेना सामान्य प्रक्रिया
वित्त विभाग के अफसरों और जानकारों के अनुसार किसी भी सरकार का इस तरह से कर्ज लेना एक सामान्य प्रक्रिया है। नियमानुसार कोई भी राज्य सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अपनी जीडीपी की तुलना में 2 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। छत्तीसगढ़ में कर्ज का बोझ बढ़ने के बावजूद यह वित्तीय अनुशासन बना हुआ है। 23 साल में कभी भी किसी भी सरकार ने इस सीमा को नहीं लांघा है।
संजीत कुमार: छत्तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्कृष्ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्कृत। सांध्य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्टेट ब्यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।