लखनऊ। पीएसी बल अपने शौर्य व साहस के लिए जाना जाता है। सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में पीएसी जवानों ने बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही त्योहारों, चुनाव व हर बड़े अवसर पर सराहनीय योगदान दिया है। देश के अन्य राज्यों में भी आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए पीएसी के जवान सदैव तत्पर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पीएसी के स्थापना दिवस समारोह में जवानों की सराहना करने के साथ ही उनके कल्याण से जुड़ी योजनाओं के प्रति अपना संकल्प भी दोहराया। कहा कि पीएसी बल को जब भी अवसर मिला, उसने अपना सर्वोत्तम योगदान देने का प्रयास किया है।
अपने शौर्य और साहस के लिए जानी जाती है पीएसी
लखनऊ के महानगर स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी में आयोजित समारोह में योगी ने सबसे पहले 74 वर्ष की शानदार यात्रा के लिए यूपी पीएसी के सभी अधिकारियों व कार्मिकों को हार्दिक बधाई दी। कहा कि चाहे वर्ष 2001 में संसद पर कायराना हमला रहा हो या अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर हमला, पीएसी ने ऐसे हर मौके पर पूरी तत्परता से कार्रवाई की। यह उसके शौर्य, पराक्रम व कीर्ति का भी प्रतीक है। कहा कि बीते साढ़े पांच वर्ष में यूपी पुलिस में 1.60 लाख से अधिक कर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से संपन्न की गई है। उनके बेहतर प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग की क्षमता को दोगुणा किया गया है।
हर पीएसी वाहिनी में हो रहा बहुमंजिला बैरक का निर्माण
यूपी पुलिस से जुड़कर सुरक्षा व कानून व्यवस्था में योगदान देने वाले प्रदेश के युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध प्राप्त हुआ है। कहा कि किन्हीं कारणों से पीएसी की समाप्त की गईं 46 कंपनियां का पुनर्गठन किया गया है। पीएसी बल में 41 हजार से अधिक कार्मिकों की भर्ती की प्रक्रिया को प्रशिक्षण से जोड़कर पूरा किया गया। जिसका परिणाम है कि अब पीएसी की 10 अतिरिक्त कंपनियां भी स्थापित हैं। वर्तमान में पीएसी की कुल 283 कंपनियां हैं। अब हर पीएसी वाहिनी में बहुमंजिला बैरक का निर्माण कराया जा रहा है।
डीजीपी डा.डीएस चौहान ने मुख्यमंत्री को भेंट किया स्मृति चिन्ह
पीएसी में 184 निरीक्षकों व 3772 उप निरीक्षकों के पदों में वृद्धि कर प्रोन्नति के अवसर बढ़ाए गए। विभागीय प्रोन्नति के तहत 257 उपनिरीक्षक, 3330 मुख्य आरक्षी व 11184 आरक्षियों को पदोन्नति का लाभ दिया गया। भविष्य में प्रोन्नति की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इससे पूर्व पीएसी के जवानों ने मलखंभ, पीटी, जिम्नास्ट व कमांडो ने अपनी दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया। पीएसी बैंड की धुनों ने सभी मन मोह लिया। डीजीपी डा.डीएस चौहान ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
सीएम ने पांच कर्मियों को अपने हाथ से बैच लगाकर सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने आरक्षी से मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर प्रोन्नति हुए पांच पुलिसकर्मियों को तथा पीएसी में मुख्य आरक्षी से प्रोन्नति पाकर प्लाटून कमांडर बने पांच कर्मियों को अपने हाथ से बैच लगाकर सम्मानित किया। पीएसी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली वाहिनियों को भी ट्राफी व नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। पुलिस परिवार के मेधावियों को भी नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। समारोह में प्रमुख सचिव, गृह संजय प्रसाद, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पीएसी की दो और कंपनियां
योगी ने कहा कि एसडीआरएफ के लिए 1029 पदों का सृजन, लखनऊ मेट्रो की सुरक्षा के लिए 433 व नोएडा मेट्रो के लिए 381 पद स्वीकृत किए गए हैं। लखनऊ, गोरखपुर व बदायूं मेें तीन महिला बटालियन स्थापित की जा रही हैं। प्रत्येक बटालियन के लिए 1262 पद स्वीकृत किए गए हैं। दूसरे चरण में तीन और महिला बटालियन की स्थापना की सहमति भी दी गई है। शामली व बिजनौर में पीएसी की नई बटालियन की स्थापना का निर्णय किया गया है।
हर क्षेत्र में पीएसी कर्मियों का योगदान
योगी ने कहा कि पीएसी कर्मियों का हर क्षेत्र में योगदान है। पीएसी की 17 बाढ़ राहत कंपनियों में मोटर बोट व अन्य उपकरण खरीदने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। यूपी 112 में पायलट ड्राइवर के रूप में 1231 पीएसी कर्मी लगाए गए हैं। यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए 645 प्लाटून कमांडर यातायात उपनिरीक्षक का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। 75 और प्लाटून कमांडर व 301 मुख्य आरक्षी यातायात प्रशिक्षण में भेजे गए हैं। सुरक्षा विभाग (एसटीएफ, एटीएस, एसएसएफ) में भी पीएसी के जवान सेवा दे रहे हैं। एसएसएफ में पीएसी के 90 प्रतिशत जवान प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए हैं। कारागारों की सुरक्षा के लिए पीएसी से 997 कार्मिकों को जेल वार्डन पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है।