- देहरादून हावड़ा एक्सप्रेस में लगी आग, बोगियों में भरा धुआं तो ट्रेन से कूदने लगे यात्री, फिर क्या हुआ? - May 14, 2024
- बिकने वाली है हल्दीराम स्नैक्स? हजारों करोड़ की डील की दौड़ में कौन सी कंपनियां शामिल - May 14, 2024
- 3 अरब का बिजनेस बनाने का था प्लान, परीक्षार्थियों को रटवाया गया था क्वेश्चन पेपर - May 14, 2024
ऐलनाबाद: हरियाणा की ऐलनाबाद (Ellenabad) विधानसभा सीट पर हुए चुनाव के बाद कांग्रेस की अंदरुनी कलह एक बार फिर से सामने आ गई है. हरियाणा कांग्रेस की ओर अपने नेता भरत बेनिवाल पर चुनाव के दौरान नेगेटिव रोल निभाने के आरोप लगाए गए हैं और उन्हें नोटिस भी थमाया गया है. ऐलनाबाद में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पवन बेनिवाल जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हुए.
भरत बेनिवाल ऐलनाबाद में कांग्रेस के सबसे मजबूत नेत हैं. भरत बेनीवाल ने कांग्रेस के टिकट पर ऐलनाबाद से 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि दोनों ही चुनाव में भरत बेनिवाल को हार का सामना करना पड़ा. ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में भरत बेनिवाल के स्थान पर कांग्रेस ने पवन बेनिवाल को टिकट देने का फैसला किया.
पवन बेनिवाल ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की. कांग्रेस को पूर्व बीजेपी नेता पर दांव लगाना भारी पड़ा. पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और पवन बेनीवाल 20,904 वोट के साथ तीसरे स्थान पर आए.
हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भरत बेनिवाल को कारण बताओ नोटिल भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है, ”प्रचार अभियान के दौरान आपकी भूमिका कांग्रेस पार्टी के खिलाफ रही. एक वीडियो में आपने कहा कि कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रहेगी. आपने पार्टी के खिलाफ काम किया है. आप बताएं कि आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.”
बता दें कि ऐलनाबाद उपचुनाव में एक बार फिर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच दरार देखने को मिली. भरत बेनिवाल को हुड्डा खेमे से माना जाता है और इसी वजह से उन्होंने कहीं ना कहीं पवन बेनिवाल का समर्थन नहीं किया.