बिहार में हाहाकार मचा रहे हैं डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट, 2 दिन में ढाई गुना बढ़े मरीज

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पटना। बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जा रही है। जीनोम सिक्वेंसिंग की मिल रही जांच रिपोर्ट में ज्यादातर मामले डेल्टा या डेल्टा प्लस वायरस के पाए जा रहे हैं। 800 सैंपल में से आई 482 की रिपोर्ट में सिर्फ एक में ओमिक्रॉन (एसजीटीएफ) की पुष्टि हुई है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार राज्य से अब तक करीब 800 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की लैब में भेजे गए हैं। गत 26 नवंबर से जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं। हालांकि पूर्व के संक्रमण के मामले मिलने पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पर्याप्त सैंपल नहीं मिल रहे थे।

गत 1 दिसंबर से सैंपल नई दिल्ली भेजे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को दिल्ली स्थित लैब से अब तक 482 सैंपल की रिपोर्ट मिली है। इनमें से ओमिक्रॉन केस (एसजीटीएफ) का एक मामला मिला है। पूरी तरह ओमिक्रॉन होने के नए मामले अबतक सामने नहीं आए हैं।

आईजीआईएमएस में दो जनवरी से शुरू हुई है जांच
पटना स्थित आईजीआईएमएस में यह जांच रविवार दो जनवरी से शुरू हो गई है। इसके लिए सबसे पहले 25 सैंपल की सिक्वेंसिंग शुरू हुई है। जीनोम सिक्वेंसिंग के सैंपल की रिपोर्ट आने में करीब एक सप्ताह का समय लगता है। आईजीआईएमएस में शुरू हुए जीनोम सिक्वेंसिंग की अबतक रिपोर्ट नहीं आयी है।

गाइडलाइन के तहत चयनित सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जा रही है। सूत्रों के अनुसार गाइडलाइन के तहत आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए मामलों की पांच फीसदी सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जानी है।

राज्य में 135 संक्रमित मरीज अस्पतालों में है भर्ती
राज्य में गुरुवार तक 135 कोरोना संक्रमित मरीज अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। इनमें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 74, जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में 14, कोविड केयर सेंटर में 24 और प्राइवेट अस्पतालों में 23 संक्रमित मरीज इलाज करा रहे हैं। राज्य में 98 फीसदी कोरोना के संक्रमित सक्रिय मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं।