जमीनों की खरीद-फरोख्त से भरा धामी सरकार का खजाना, करोड़ों की हुई डील

Dhami government's treasury full of buying and selling of lands, deals worth crores
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हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं में जमीनों की खरीद-फरोख्त से सरकार का खजाना भर रहा है। एक साल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को कुमाऊं में जमीनों की खरीद-फरोख्त के दौरान होने वाली रजिस्ट्रियों से 524.44 करोड़ का राजस्व मिला है। सरकार को राजस्व देने में ऊधमसिंह नगर जिला सबसे आगे है। जबकि नैनीताल सरकार को राजस्व देने में दूसरे स्थान पर है। सहायक आयुक्त कार्यालय स्टांप से मिले आंकड़ों के मुताबिक पेंडमिक को अगर छोड़ दिया जाए तो कुमाऊं में जमीनों की खरीद फरोख्त हर साल बढ़ते जा रही है। जिससे सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व मिल रहा है। पिछले एक साल में कुमाऊं मंडल के उपनिबंधक कार्यालयों में जमीनों की रजिस्ट्री से सरकार को 524 करोड़ का राजस्व मिला है।

जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार को जमीनों की रजिस्ट्री से कितना राजस्व मिलता है। कुमाऊं मंडल के जिलों के आंकड़ों को अगर देखा जाए अल्मोड़ा जिले में 1 मार्च 2022 से 28 फरवरी 2023 तक एक साल में जमीनों की 4652 रजिस्ट्रियां हुई। जिससे सरकार को 13.93 करोड़ का राजस्व मिला।

ऊधमसिंह नगर जिले में एक साल में हुई 50919 रजिस्ट्रियों से सरकार को 296.58 करोड़ का राजस्व मिला। चम्पावत जिले में 1780 रजिस्ट्रियों से 5.68 करोड़, नैनीताल जिले में 28959 रजिस्ट्रियों से 200.35 करोड़, पिथौरागढ़ जिले में 1986 रजिस्ट्रियों से 5.31 करोड़ व बागेश्वर जिले में 1278 रजिस्ट्रियों से 2.65 करोड़ का राजस्व मिला। इस प्रकार देखा जाए तो यूएसनगर 296.58 करोड़ का राजस्व देकर पहले, नैनीताल 200.35 करोड़ देकर दूसरे व चम्पावत जिला 13.93 करोड़ का राजस्व देकर तीसरे स्थान पर रहा है। बागेश्वर जिला 2.65 करोड़ का सबसे कम राजस्व देने वाला जिला रहा है।

कुमाऊं में रजिस्ट्रियों से सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है। यूएसनगर जिले से सबसे ज्यादा व नैनीताल राजस्व देने में दूसरे नंबर का जिला है। कुमाऊं में सरकार को रजिस्ट्रियों से एक साल में 524 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
महेश द्विवेदी, सहायक आयुक्त स्टांप, नैनीताल।