उत्तराखंड के जंगलों में आग का कहर, अब तक 5 की मौत, CM धामी ने दिए कड़े निर्देश

Fire wreaks havoc in the forests of Uttarakhand, 5 dead so far, CM Dhami gave strict instructions
Fire wreaks havoc in the forests of Uttarakhand, 5 dead so far, CM Dhami gave strict instructions
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उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जंगलों में लगी आग अब तक नहीं बुझ पाई है। रविवार को इस आग ने एक और जान ले ली जिस कारण मृतकों की संख्या 4 पहुंच गई है। जंगलों में लगी आग के कारण आदि कैलाश हेलीकॉप्टर दर्शन सेवा दूसरे दिन भी निलंबित कर दी गई है। वहीं, आग से निकले धुएं की वजह से पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी हवाई अड्डे पर उड़ानों का आगमन रोक दिया गया है। अब राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिया है कि सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह तक हर दिन आग की निगरानी करने को कहा जाए।

अब तक 5 की मौत
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के कारण अब तक कुल 5 लोगों की जान चली गई है। पौड़ी तहसील के थापली गांव में जंगल की आग को खेत में आते देख महिला जल्दी से घास का गट्ठर उठाने गयी थी। हालांकि, इस दौरान वह आग की चपेट में आ गई। महिला को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे पहले तीन मजदूरों की मौत हो गई थी।

आग लगाने का आरोप में कई लोग गिरफ्तार
अधिकारियों ने कहा कि राज्य में जंगल की आग को बढ़ावा देने के आरोप में बिहार से तीन लोगों (ब्रजेश कुमार, सलमान और सुखलाल) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें तीन युवक जंगल की आग को बढ़ावा दे रहे थे। इसके अलावा पुलिस ने जंगलों में आग लगाने के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

बारिश से राहत की उम्मीद
पीटीआई के मुताबिक, देहरादून स्थित मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा है कि सात मई से कुमांउ क्षेत्र में बारिश की संभावना है जबकि आठ तारीख से गढ़वाल क्षेत्र में भी वर्षा शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद 11 मई से बारिश की गतिविधि और बढ़ने की संभावना है और यह बारिश वनाग्नि बुझाने में मददगार होगी।

अब तक कितना नुकसान?
बीते 24 घंटे में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की 24 घटनाएं सामने आयीं जिनसे 23.75 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। बीते साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में वनाग्नि की 910 घटनाएं हुईं हैं जिनसे करीब 1145 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से वनों को बचाने के लिये अपना पूरा सहयोग देने की अपील की है।